रांची(ब्यूरो)। डुमरदगा स्थित बाल सुधार केंद्र के 16-18 एजग्रुप वाले बंदियों को वहां से हटाने की तैयारी शुरू हो गई हैै। इस एजग्रुप वाले 62 बाल बंदियों को चिन्हित किया गया है, जिन्हें प्लेस ऑफ सेफ्टी में रखा जाएगा। डीसी छवि रंजन के आग्रह पर समाज कल्याण विभाग ने इस दिशा में पहल शुरू कर दी है। हालांकि, राजधानी रांची में अब तक एक भी प्लेस ऑफ सेफ्टी सेंटर का निर्माण नहीं कराया गया है। जबकि केंद्र सरकार की ओर से सेंटर के निर्माण के लिए दो साल पहले ही हरी झंडी मिल चुकी है, लेकिन समाज कल्याण विभाग की ओर से इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। छवि रंजन से पहले से भी पूर्व डीसी राय महिमापत रे ने प्लेस ऑफ सेफ्टी के लिए समाज कल्याण विभाग से आगाह किया था। हालांकि, अब विभाग की ओर से इस दिशा में प्रयास शुरू कर दिया गया है।

10 पहले ही दूसरे जिले में शिफ्ट

बाल सुधार केंद्र में वर्तमान में 158 बाल कैदी हैं, जबकि इस सेंटर की क्षमता ही कुल 120 बाल बंदियों को रखने की है। लेकिन कैपासिटी से ज्यादा यहां बाल बंदी रह रहे हैं। रांची के अलावा दूसरे जिलों के भी बाल बंदियों को यहां रखने से जगह की कमी हो गई है। सेंटर में में 60 से अधिक बाल बंदी 16 से 18 साल के बीच हैं, जो खुद को यहां का सीनियर बताते हुए नए बाल बंदियों को परेशान करते हैं और उनके परिजनों से पैसे की मांग करते हैं। नहीं देने पर उनके साथ मारपीट और गाली गलौज भी करते हैं। बीते कुछ महीनों से बाल सुधार केंद्र में कई बार मारपीट की खबरें आ चुकी हैं। छह फरवरी को फिर से मारपीट हुई थी, जिसमें 50 से भी ज्यादा बाल बंदियों के बीच जबरदस्त मारपीट हुई थी। इस झड़प में दर्जनों बाल कैदी को चोटें आईं। इन्हीं सारी मुसीबतों को देखते हुए पुराने और बड़े बाल कैदियों को दूसरी जगह शिफ्ट करने का निर्णय लिया गया है। घटना के बाद दस बाल बंदियों को दूसरे जिले के बाल सुधार गृह में शिफ्ट कर दिया गया है।

पहले भी डीसी कर चुके हैं आगाह

रांची के डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह में 6 फरवरी को दो गुटों के बीच हुई मारपीट की घटना से 21 किशोर चोटिल हुए। इससे पहले भी यहां मारपीट और भागने की घटनाएं हो चुकी हैं। इन घटनाओं को रोकने के लिए यहां बंद 16 से 18 साल के बाल बंदियों को प्लेस ऑफ सेफ्टी में रखा जाना था। लेकिन जेजे एक्ट के अनुसार इन बंदियों को रखने के लिए अब तक राज्य में कोई प्लेस ऑफ सेफ्टी (सुरक्षित स्थान) नहीं है। इधर, इस मामले को लेकर रांची जिला प्रशासन गंभीर हुआ है। डीसी छवि रंजन ने समाज कल्याण विभाग को पत्र लिखकर कहा है कि 16 से 18 साल के बाल बंदियों के लिए प्लेस ऑफ सेफ्टी का निर्धारण करते हुए वहां शिफ्ट करने का निर्देश दें।

स्किल डेवलपमेंट भी कराया जाएगा

चोरी, हत्या, डकैती और पॉक्सो एक्ट जैसे संगीन मामलों के आरोपी रांची के डुमरदगा स्थित बाल सुधार गृह में बंद हैं। इन्हें अपराध की दुनिया में जाने से रोकने और समाज की मुख्यधारा से जोडऩे के उद्देश्य से भी स्किल डेवलपमेंट की शिक्षा दी जाएगी। जिस स्थान को प्लेस ऑफ सेफ्टी के लिए चयनित किया जाएगा, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम होंगे। साथ ही बाल बंदियों को डिफरेंट कोर्सेज में हुनरमंद भी किया जाएगा। इन्हें विभिन्न विषयों में प्रशिक्षण के साथ ही शिक्षा भी दी जाएगी। इसके अलावा इनके पुनर्वास की भी व्यवस्था कराई जाएगी।

डीजे आईनेक्स्ट ने प्रकाशित किया था

दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने बीते पांच जनवरी को कब के हुए बालिग, पड़े हैं सुधार गृह में हेडिंग के साथ खबर प्रमुखता से प्रकाशित की थी। इसमें बाल सुधार गृह में बड़े हो चुके बाल कैदियों के बारे में विस्तार से बताया गया था। इन बाल कैदियों द्वारा कैसे दूसरे बाल बंदियों को परेशान किया जाता है और यहां के कर्मचारी भी ऐसे बाल कैदियों से किस हद तक परेशान हो चुके हैं, इन मामलों पर तफ्तीश करती हुई पूरी रिपोर्ट प्रकाशित की गई थी।