रांची (ब्यूरो) । आज दुनिया में सबसे बड़ी होड टेक्नोलॉजी को लेकर है। मॉडर्न टेक्नोलॉजी आज आपको कंट्रोल कर रही है। जब दुनिया तोप से लड़ रही थी, तब आपके हाथ में तलवार थी, नतीजतन आप युद्ध हार गये। इतिहास से सबक लेकर हम बेहतर भविष्य बना सकते हैं। यह कहना था राज्यसभा के उप सभापति सह वरिष्ठ पत्रकार हरिवंश का। वे रांची प्रेस क्लब में बसंत हेतमसरिया की पुस्तक &1940- विश्वयुद्ध और बढते अलगाव के साये में स्वतंत्रता आंदोलन&य पुस्तक का विमोचन करने के बाद उपस्थित लोगों को संबोधित कर रहे थे। पुस्तक की तारीफ करते हुए उन्होंने कहा कि यह पुस्तक आपका साक्षात्कार इतिहास से कराती है। यदि हम इतिहास से सबक नहीं लेते तो हमारा भविष्य भी संकट में पड़ता है।

सभी कुछ घटित हुआ

हरिवंश ने कहा कि रामगढ कांग्रेस अधिवेशन में शामिल बड़े नेताओं ने 1940 में जिन मुद्दों पर चिंता जताई थी, कालांतर में वो सभी कुछ घटित हुआ और सबलोग देखते रह गये। उन्होंने कहा कि गांधी जी चाहते थे कि वे एक अनुशासित कांग्रेस बनाएं, जो उसूलों पर चलें, लेकिन वे बना नहीं पाए। उन्होंने कहा कि पहले नेताओं को अपनी बात सुनाने के लिए कार्यकर्ताओं को बुलाने की जरुरत नहीं पड़ती थी, लोग स्वत: अपने नेताओं को सुनने चले आते थे, लेकिन आज परिस्थितियां बदल चुकी है।

हमेशा रोमांचित किया

मौके पर पुस्तक के लेखक बसंत हेतमसरिया ने बताया कि रामगढ़ में पैदा होने के कारण 1940 का रामगढ़ कांग्रेस अधिवेशन उनको हमेशा रोमांचित करता था। लेकिन उन्होंने पाया कि इस विषय पर बहुत कम लेखन हुआ था। इस कारण उन्होंने तत्कालीन समाचार पत्रों को पढकर और लगभग पांच दर्जन पुस्तकों को खंगालकर इस पुस्तक को तैयार किया है, जिसमें 1940 के रामगढ़ कांग्रेस के महत्व और उस वर्ष स्वतंत्रता आंदोलन की दिशा से आनेवाली पीढी को रूबरु करने की कोशिश की है। कार्यक्रम में विनोबा भावे विवि के डीन डॉ मिथिलेश सिंह, राज्य पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव, विनय सरावगी, आरके चौधरी, एलआर सैनी, प्रदीप तुलस्यान, किशोर मंत्री, अरुण बुधिया, सुशील उरांव, प्रभाकर अग्रवाल समेत कई गणमान्य मौजूद थे।