- पिछले साल अक्टूबर में जामताड़ा वन प्रमंडल से रेस्क्यू कर लाया गया था भालू

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रांची : बिरसा जैविक उद्यान के देसी भालू मदारी की मौत हो गई है। वह 10 वर्ष का था। बताया गया कि ब्रिडिंग सेल में मेटिंग (प्रजनन की तैयारी) के दौरान नर भालू छोटू के साथ मदारी भालू की भिड़ंत हो गई। इससे वह घायल हो गया। शनिवार को लगभग 3:30 बजे हुई घटना की सूचना मिलते ही उद्यान निदेशक वाईके दास व उद्यान के पशु चिकित्सक डा। ओमप्रकाश साहू केज में पहुंचे, तबतक उसकी मौत हो चुकी थी। चिकित्सकों की एक टीम रविवार को मृत भालू का पोस्टमार्टम करेगी।

अब 8 भालू बचे

उद्यानकर्मियों के अनुसार पिछले वर्ष आठ अक्टूबर को मदारी को जामताड़ा वन प्रमंडल से रेस्क्यू कर जैविक उद्यान लाया गया था। इसके साथ ही उद्यान में देसी भालुओं की संख्या नौ हो गई थी। मदारी की मौत के बाद उद्यान में चार नर व चार मादा भालू सहित आठ देसी भालू ही बचे। इसके अलावा जैविक उद्यान में 10 हिमालयान भालू भी हैं। भालू की औसत उम्र 40 वर्ष होती है। इससे एक दिन पूर्व 10 वर्ष की उम्र में ही उद्यान के बीमार बाघ शिवा की भी मौत हो गई थी। दो दिन में दो पशुओं की मौत से उद्यान प्रशासन व उद्यानकर्मी दुखी हैं।

रेस्क्यू कर लाया गया लंगूर

रांची से रेस्क्यू कर एक लंगूर को जैविक उद्यान लाया गया। बताया गया कि एकरा मस्जिद ¨हदपीढ़ी, रांची के पास लंगूर होने की सूचना वन विभाग को मिली। फारेस्ट गार्ड शिवनारायन महतो के नेतृत्व में एक टीम पिंजरा लेकर ¨हदपीढ़ी पहुंची। यहां स्थानीय लोगों ने लंगूर को एक मकान में बंद कर रखा था। जहां से रेस्क्यू कर लंगूर को जैविक उद्यान लाया गया। जैविक उद्यान के चिकित्सक डा। ओमप्रकाश साहू ने कहा कि उद्यान लाया गया लंगूर लगभग 10 वर्ष का है और पूरी तरह स्वस्थ्य है। फिलहाल उसे एक माह के लिए क्वारंटाइन में रखा गया है। इसके बाद उसे केज में छोड़ा जाएगा।