रांची: रांची सिविल कोर्ट में गुरुवार को भैरव सिंह के सरेंडर को लेकर दिन भर हाई-वोल्टेज ड्रामा चला। सिविल कोर्ट के न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक प्रसाद की अदालत में सरेंडर करने पहुंचे भैरव को पुलिस गिरफ्तार करना चाहती थी, लेकिन वकीलों के विरोध के कारण ऐसा नहीं हो सका। उसे पुलिस से बचाकर वकीलों ने कोर्ट में सरेंडर कराया। इसके लिए कागजी कार्रवाई पहले ही पूरी कर ली गई थी। अंत में अदालत ने भैरव को सात दिनों के पुलिस रिमांड पर भेजने की मंजूरी दी। हालांकि, पुलिस की ओर से 14 दिनों के रिमांड की मांग की गई थी, जिसे अदालत ने मंजूर नहीं किया।

कोर्ट कैंपस में ही हुआ हंगामा

गत 4 जनवरी को किशोरगंज में हुए हंगामे के मुख्य आरोपी भैरव सिंह ने पुलिस को चकमा देते हुए आत्मसमर्पण कर दिया। जैसे ही भैरव सिंह के कोर्ट पहुंचने की सूचना मिली कोतवाली एएसपी दल-बल के साथ कोर्ट पहुंचे। वहां आरोपित को हिरासत में लेने की कोशिश की। कोर्ट रूम पहुंचने के बाद आरोपित की गिरफ्तारी के प्रयास का अधिवक्ताओं ने कड़ा एतराज जताया। इस दौरान जबरदस्त हंगामा हुआ। बार एसोसिएशन के सचिव कुंदन प्रकाशन, संयुक्त कोषाध्यक्ष अभिषेक भारती सहित कई अधिवक्ता कोर्ट गैलरी में इकट्ठा हो गए। पुलिस और अधिवक्ताओं में हल्की नोक-झोंक भी हुई। हालांकि, अधिवक्ताओं के विरोध को देखते हुए पुलिस को अपने पांव पीछे करने पड़े। इसके बाद कानूनी प्रक्रिया पूरी कर कोर्ट ने भैरव सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।

7 दिनों के सर्शत रिमांड की मंजूरी

दोपहर बाद सुखदेवनगर थाना पुलिस ने आवेदन देकर पूछताछ के लिए आरोपित को 14 दिनों का रिमांड देने की मांग की। कोर्ट ने पुलिस को सात दिनों के सर्शत रिमांड की अनुमति प्रदान की। शाम में भैरव सिंह को कोर्ट हाजत से होटवार जेल भेज दिया गया। बचाव पक्ष की ओर से केस की पैरवी कीर्ति नारायण सिंह व अभय तिवारी कर रहे हैं।

किशोरगंज में हुआ था हंगामा

बीते चार जनवरी को सुखदेवनगर थाना क्षेत्र के किशोरगंज में भैरव सिंह एवं उसके साथी ओरमांझी में सिर कटा शव मिलने के बाद विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान सीएम हेमंत सोरेन सचिवालय से आवास जा रहे थे। विरोध प्रदर्शन के दौरान उनका काफिला रुक गया। पुलिस ने जब उपद्रवियों को हटाने की कोशिश की तो झड़प हो गई जिसमें यातायात थाना प्रभारी नवल किशोर सिंह बुरी तरह घायल हो गए। इस मामले में भैरव सिंह सहित 72 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गई थी। चार महिलाएं सहित अबतक 27 लोगों को जेल भेजा जा चुका है। एक कोरोना पॉजिटिव भी मिला है जिसे खेलगांव कैंप जेल में रखा गया है। अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही है।

पूछताछ के लिए भैरव सिंह का रिमांड आवश्यक था। कोर्ट ने पुलिस का आवेदन स्वीकार कर लिया है। पुलिस आरोपी को रिमांड पर लेगी। रिमांड के दौरान घटना को लेकर पूछताछ की जाएगी। यह भी जानने का प्रयास किया जाएगा कि आखिर साजिश के पीछे और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

सौरभ, सिटी एसपी, रांची

वकील और परिजन मिल सकेंगे

सुखदेवगनर थाना के जांच अधिकारी के रिमांड आवेदन पर सुनवाई के दौरान बचाव पक्ष के अधिवक्ता कीर्ति ने विरोध जताते हुए पुलिस की मंशा पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि उसके मुवक्किल के साथ पुलिस ज्यादती कर सकती है। केस में कोई दम नहीं है। अत: रिमांड न दिया जाए। कोर्ट ने बचाव पक्ष के रिमांड न देने की दलील को ठुकरा दिया। हालांकि, कोर्ट ने रिमांड अवधि तय कर दी है। कोर्ट के आदेशानुसार पुलिस आरोपित को 11 बजे से शाम चार बजे तक ही पूछताछ कर सकती है। साथ ही, प्रत्येक दिन बचाव पक्ष के अधिवक्ता और एक परिजन आरोपित से मिल सकते हैं।

पांचवें दिन भी नहीं मिला सिर, संदिग्ध सामान बारामद

ओरमांझी थाना क्षेत्र में युवती के मिले शव के बाद उसके कटे हुए सिर की बरामदगी पांचवें दिन भी नहीं हो सकी। हालांकि, जिला पुलिस ने गुरुवार को पांचवें दिन भी घटनास्थल व आसपास के क्षेत्रों में जांच की। गुरुवार को भी पुलिस व फारेंसिक जांच टीम द्वारा घटनास्थल कुच्चू जीराबार स्थित परास पतरा व आसपास से कई संदिग्ध समान बरामद किया गया। घटना स्थल के आसपास से जो भी संदिग्ध समान मिले, पुलिस ने उन्हें जब्त कर लिया। फारेंसिक टीम जब्त सामानों को सैंपल के लिए ले गई है। ओरमांझी थाना प्रभारी श्याम किशोर महतो ने बताया कि पुलिस द्वारा अपराधियों तक पहुंचने का हरसंभव प्रयास किया जा रहा है। कुछ समय और लग सकता है, लेकिन हत्या में शामिल सभी अपराधियों की गिरफ्तारी तय है। फिलहाल पुलिस द्वारा वैज्ञानिक तरीके से अपराधियों तक पहुंचने की प्रयास कर रही है।