RANCHI : रविवार की रात आई आंधी-पानी का कहर पावर सप्लाई पर भी पड़ा। शहर के कई इलाकों में रविवार की रात से जो बिजली गुल हुई, वह सोमवार को सुबह आई, लेकिन पूरे दिन लोड शेडिंग का खेल चलता रहा। इतना ही नहीं, ऐसे कई इलाके हैं, जहां 24 घंटे से ब्लैकआउट है, जिस कारण लोगों को पानी का भी संकट झेलना पड़ रहा है। इस बाबत झारखंड राज्य बिजली वितरण निगम के एमडी राहुल पुरवार ने बताया कि आंधी-पानी के कारण कई इलाकों में पोल-तार पर पेड़ गिर गए हैं, जिस कारण बिजली संकट पैदा हुआ है। इसकी मरम्मत का काम चल रहा है। जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।

राजधानी में बिजली 'बदहाल'

राजधानी रांची में जब बिजली का ये हाल है तो सहज ही समझा जा सकता है कि अन्य शहरों में क्या स्थिति होगी। यहां पावर कट और लोड शेडिंग का सिलसिला पिछले कई दिनों से लगातार चलता आ रहा है। कभी मेंटनेंस के नाम पर तो कभी पोल शिफ्टिंग के नाम पर घंटों-घंटों बिजली काटी जा रही है। यह कोई इस साल का मामला नहीं है, बल्कि गर्मी आते ही हर साल यह सिलसिला शुरू हो जाता है। ऐसे में शहरवासी बिजली के लिए त्राहिमाम करते रहते हैं।

सरकार का दावा खोखला

कोकर चुना भट्टा के रहने वाले भारत भूषण का कहना है कि सरकार 24 घंटे बिजली देने का दावा करती है, लेकिन बार-बार पावर कट उनके इस दावे की हकीकत सामने ला देती है। दिन में तो बिजली गुल होती ही है, रात में भी कम बिजली चली जाएगी, कोई कह नहीं सकता है। राजधानी में पावर सप्लाई सिस्टम खस्ताहाल में है, जिसका खामियाजा आम लोगों को भुगतना पड़ रहा है।

मेंटनेंस पर करोड़ों खर्च, नतीजा सिफर

गर्मी में पावर कट के कारण लोगों को परेशानियों का सामना नहीं करना पड़े, इस वजह से मेंटनेंस के नाम पर करोड़ों रुपए खर्च किए गए, लेकिन कुछ घंटे की आंधी-बारिश ने यह जता दिया कि मेंटनेंस के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। मालूम हो कि बिजली विभाग ने सर्दी के मौसम में ही शटडाउन लेकर बिजली लाइनें उपकरण, सब स्टेशन के फ डर दुरुस्त करने का काम किया था, लेकिन जब गर्मी आई तो बिजली विभाग की पोल खुल गई। हर दिन घंटों बिजली गुल रह रही है और लोग इसका खामियाजा भुगत रहे हैं।

इन इलाकों में घंटों बिजली रही गुल

सामलौंग, लोवाडीह, नेताजी नगर, कांटाटोली चौक, लालपुर, वर्धमान कंपाउंड, बरियातू, चेशायर होम, बुटी मोड़, बड़गाई, कांके रोड, चांदनी चौक, रातू रोड, कांके के चांदनी चौक, डोरंडा और हिनू सहित कई और इलाके।

इधर बिजली कटी, उधर फोन बंद कर देते हैं जिम्मेदार

बिजली विभाग के अफसर अपने काम के प्रति कितने लापरवाह है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि बिजली गुल होते ही वे या तो अपना आधिकारिक मोबाइल फोन स्वीच्ड ऑफ कर देते हैं अथवा आने वाले कॉल का कोई रिस्पांस नहीं देते हैं। रविवार को रात दस बजे के बाद बिजली गुल हो गई थी। घंटों तक जब बिजली नहीं आई तो लोगों ने बिजली विभाग के अफसरों के पास जानकारी लेने के लिए कॉल किया तो उनका मोबाइल स्वीच्ड ऑफ बता रहा था। इतना ही नहीं, कुछ अफसरों के मोबाइल पर कॉल रिंग तो जा रहा था, लेकिन वे उसे रिसीव करना मुनासिब नहीं समझ रहे थे। ऐसे में यह सहज ही समझा जा सकता है कि उपभोक्ताओं की परेशानियों को सुनने व उसके निराकरण के लिए बिजली विभाग के अफसर कितने संवेदनशील हैं।