RANCHI : झारखंड के मछली की ब्रांडिंग झारफ्रेश के नाम से की जाएगी। साथ ही मछली उत्पादन बढ़ाने के लिए विशेष कार्ययोजना बनाई जाएगी। मुख्य सचिव ने शनिवार को सभी जिलों के मत्स्य पदाधिकारियों को कहा कि झारफ्रेश मछली का प्रचार-प्रसार सुनिश्चित करने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि 2017 में झारखएड मत्स्य बीज संचयन के मामले में आत्मनिर्भर बन जायेगा। इसके लिए जनवरी 2017 तक 65 हैचरी का निर्माण कार्य पूर्ण कर लिया जायेगा तथा सितंबर 2017 तक 325 करोड़ मत्स्य बीच का संचयन संपन्न हो जाएगा।

सखी मंडल को मिलेगी ट्रेनिंग

मछली जाल निर्माण के लिये सखी मंडल को प्रशिक्षित किया जाएगा। मुख्य सचिव ने कहा कि माइक्त्रो इन्टरप्राइजेज का रूप में कम से 10 सखी मंडल का चयन सुनिश्चित किया जाय, ताकि जाल निर्माण राज्य में ही किया जा सके। रिवर इन फिश फार्मिंग के संबंध में मुख्य सचिव ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में 1000 का लक्ष्य निर्धारित करें तथा स्थलों का चयन करें,ताकि बजट के प्रारंभ में ही काम प्रारंभ किया जा सके।

ओडीएफ में सहयोग करने वालों को अवार्ड

मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य के ओडीएफ करने के लिये मत्स्य मित्र, दुग्ध मित्र तथा पशु मित्र व्यक्तिगत शौचालय का निर्माण 26 जनवरी तक करें। इसके लिए उन्हें स्वच्छ भारत मिशन के तहत निर्धारित 12000 रूपये की राशि दी जायेगी। साथ ही टोला और गांव को ओडीएफ करने में योगदान देने वाले मित्रों को सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि अथवा अवार्ड दिया जायेगा।

मत्स्य मित्र बनेंगे कैशलेस

मुख्य सचिव ने कहा कि सभी मत्स्य मित्र कैशलैस हों, इसके लिए उन्हें विभागीय स्तर पर प्रशिक्षित किया जाय। साथ ही ऐसे उद्यमियों को डी-फ्रिज वैन सब्सिडी पर उपलब्ध कराई जाय, जो मत्स्य पालन को उच्चतम स्तर तक ले जाना चाहते हैं.उन्होंने कहा कि प्रत्येक जिला से दो-दो ऐसे मत्स्य उद्यमियों का चयन सुनिश्चित किया जाय ,जो मछली पालन में आगे बढ़ रहे हैं। इस तरह से पूरे राज्य में 50 मत्स्य उद्यमियों का चयन किया जाएगा।