रांची (ब्यूरो) । करीब सात महीने पहले एक होनहार महिला दारोगा को पशु तस्कर वाहन से रौंदते हुए निकल गया। बीते साल 19 जुलाई की वह रात जब महिला दारोगा संध्या अपनी ड्यूटी पर मुस्तैद थी। उसने पशु तस्कर को वाहन रोकने का इशारा किया, लेकिन उसने रुकने के बजाय उल्टे दारोगा पर गाड़ी चढ़ाते हुए पार हो गया। जिससे संध्या की जान चली गई। इस मामले को पुलिस ने सिर्फ रोड एक्सीडेंट बताकर फाइल बंद कर दिया। गिरफ्तारी के नाम पर सिर्फ वाहन चालक ही अरेस्ट हुआ। जबकि एसआई को रौंदने का आदेश देने वाला असल दोषी पशु तस्कर तक पुलिस पहुंच ही नहीं पाई। लेडी एसआई की हत्या का मुख्य आरोपी पशु तस्कर आज भी बेखौफ अपने अवैध धंधे को अंजाम दे रहा है। संध्या टोपनो का मामला कुछ दिनों गर्म रहा, अखबारों की सुर्खियां बनीं, लेकिन अब सब कुछ सामान्य हो चुका है।

कार्रवाई के नाम पर वाहन सीज

बता दें कि तुपुदाना ओपी चौकी की महिला दारोगा संध्या टोपनो के ऊपर गाड़ी तब चढ़ाई गई थी, जब वह वाहन चेकिंग कर रही थीं। इस अभियान के तहत वह चेक पोस्ट पर खड़ी थीं। संध्या टोपनो द्वारा एक गाड़ी को रुकने का इशारा किया गया, लेकिन वाहन चालक ने गाड़ी नहीं रोकी और दारोगा संध्या टोपनो को कुचलते हुए फरार हो गया। वाहन की चपेट में आने से दरोगा संध्या टोपनो गंभीर रूप से घायल हो गईं। आनन-फानन में उन्हें इलाज के लिए रिम्स में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। संध्या की मौत के बाद यह मामला काफी काफी गर्म हुआ, लेकिन कुछ ही दिनों बाद फिर से सब कुछ सामान्य हो गया। कार्रवाई के नाम पर आरोपी के वाहन को सीज कर लिया गया। साथ ही आरोपी साजिद और उसके दो करीबियों को भी पुलिस ने हिरासत में लिया। लेकिन पशु तस्करी रोकने में पुलिस को कोई सफलता नहीं मिल पाई।

बेखौफ हो रही पशु तस्करी

पशु तस्करी अब भी कंट्रोल नहीं हो पाई है। रात के अंधेरे में बड़ी आसानी से पशुओं की तस्करी हो रही है। बीते महीने पिठोरिया थाना क्षेत्र में गौ तस्करी करते हुए एक व्यक्ति को पकड़ा गया था। ट्रक में दर्जनों प्रतिबंधित पशु ले जाए जा रहे थे। जिसके लिए एसआई संध्या टोपनो ने अपनी जान गंवा दी, पुलिस उसे रोकने में अब भी नाकाम साबित हो रही है। साथ ही संध्या टोपनो के असल मुजरिम को भी पुलिस अबतक पकड़ नहीं पाई है। सिर्फ ड्राइवर और उसके सहयोगियों को अरेस्ट कर पुलिस ने फाइल बंद कर दी है। जबतक पशु तस्करों गिरफ्तार कर पुलिस सलाखों के पिछे नहीं भेजती तबतक संध्या की आत्मा को शांति नहीं मिलेगी।