रांची (ब्यूरो)। रांची के जमीन घोटाला और मनी लांङ्क्षड्रग की जांच कर रही ईडी ने सोमवार को झारखंड के आईएएस अधिकारी रांची के पूर्व उपायुक्त छवि रंजन से लंबी पूछताछ की। इस क्रम में रिमांड पर लिए गए आरोपितों ने छवि रंजन के सामने ही ईडी से कहा कि रांची में जमीन घोटाले के मास्टरमाइंड वही हैं। रांची का डीसी बनने के बाद उन्होंने सभी जमीन कारोबारियों से संपर्क कर अपने कार्यालय में बुलाया और अवैध जमीन की खरीद-बिक्री को बढ़ावा दिया।

जवाब संतोषजनक नहीं

इस मामले में गिरफ्तार किए गए रांची के बडग़ाईं अंचल के राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप शाही ने भी कहा कि उन्होंने वही किया जो छवि रंजन ने कहा। उधर, छवि रंजन आरोपों से इनकार करते रहे। उन्होंने कहा कि किसी को अपने कार्यालय में नहीं बुलाया और न ही कोई आदेश दिया। हालांकि छवि रंजन ईडी को अपने जवाब से संतुष्ट नहीं कर सके।

संपत्ति का ब्यौरा दें

जमीन घोटाले में पूछताछ में शामिल होने के लिए सोमवार को छवि रंजन 11 बजे से पहले ही ईडी कार्यालय पहुंच गए थे। देर शाम तक (लगभग 10 घंटे तक) ईडी के अधिकारी उनसे पूछताछ करते रहे। इस दौरान उन्होंने कई सवालों के जवाब दिए, जबकि अन्य सवालों के जवाब देने के लिए उन्होंने ईडी से एक सप्ताह का समय मांगा है। ईडी ने उन्हें एक सप्ताह बाद चल-अचल संपत्ति के ब्योरे के साथ उपस्थित होने को कहा है। छवि रंजन वर्तमान में झारखंड समाज कल्याण विभाग में निदेशक हैं।

कैसे दे दिया रजिस्ट्री का आदेश

ईडी ने सेना के कब्जे वाली रांची के बरियातू में स्थित 4.55 एकड़ जमीन व चेशायर होम रोड की एक एकड़ जमीन की फर्जी दस्तावेज के आधार पर खरीद-बिक्री को लेकर आदेश दिए जाने के मामले में छवि रंजन से पूछताछ की है। ईडी ने इन दोनों ही मामलों में बड़ा फर्जीवाड़ा पकड़ा है। छापेमारी के दौरान बरामद दस्तावेज के आधार पर भी छवि रंजन से सवाल किए गए। उनसे पूछा गया कि जब जमीन पर विवाद था और जमीन सेना के कब्जे में थी, तब उन्होंने बिना पूरी जांच कराए रजिस्ट्री कार्यालय को उक्त जमीन की रजिस्ट्री के आदेश कैसे दे दिए। उक्त जमीन पर कब्जा सेना का था, लेकिन प्रदीप बागची नाम के व्यक्ति ने अपना फर्जी कब्जा दिखाया। रांची नगर निगम से फर्जी दो-दो होङ्क्षल्डग दिखाकर जमीन की रजिस्ट्री करवा ली, यह कैसे संभव हुआ। अपने जवाब से छवि रंजन ईडी को संतुष्ट नहीं कर पाए।

इनकी हुई है गिरफ्तारी

बता दें कि जमीन घोटाले के मामले में ईडी ने पूर्व में सात आरोपितों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपितों में बडग़ाईं अंचल का राजस्व उप निरीक्षक भानु प्रताप प्रसाद, फर्जी रैयत प्रदीप बागची, जमीन कारोबारी अफसर अली उर्फ अफ्सू खान, इम्तियाज अहमद, मोहम्मद सद्दाम हुसैन, तल्हा खान व फैयाज खान शामिल हैं, जिन्हे रिमांड पर लेकर ईडी पूछताछ कर रही थी। सोमवार को सभी सातों आरोपितों की रिमांड का अंतिम दिन था। ईडी ने सबको विशेष कोर्ट में प्रस्तुत किया। इनमें से फैयाज को छोड़ शेष सभी छह आरोपितों के लिए और चार दिनों तक रिमांड पर पूछताछ की अनुमति मांगी। ईडी ने फैयाज को न्यायिक हिरासत में बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा होटवार भेजने की अनुमति दी, वहीं शेष छह आरोपितों से पूछताछ के लिए ईडी को केवल तीन दिनों तक पूछताछ की अनुमति दी।