- मुख्यमंत्री पहुंचे ओरमांझी के गांव, ग्रामीणों संग लगाई चौपाल

-गांवों को एक-एक लाख देने की घोषणा की

-ग्रामीणों ने बेच दिए हडि़या बनाने वाले बर्तन, खुले में कोई नहीं जाता शौच

रांची : रांची के ओरमांझी प्रखंड के आरा और केरम गांव राज्य के पहले नशामुक्त आदर्श गांव बने हैं। यहां के ग्रामीणों ने नशा मुक्ति का संकल्प लेते हुए हडि़या बनानेवाले बर्तनों को पूरे गांव से जमा किया और बेच दिया। गांव के लोगों को बीपीएल कहलाना भी पंसद नहीं है। संकल्प लिया कि एक साल के भीतर गांवों में कोई भी बीपीएल नहीं रहेगा। पूरा गांव साफ-सफाई में पूरे राज्य के लिए एक मिसाल पेश करता नजर आता है। रविवार को मुख्यमंत्री रघुवर दास आरा गांव पहुंचे और ग्रामीणों के बीच बैठकर दो घंटे तक बातचीत की। ग्रामीणों की पहल को सराहते हुए मुख्यमंत्री ने इन गांवों को एक-एक लाख रुपए देने की घोषणा की। बिना किसी पूर्व सूचना के ओरमांझी प्रखंड के टुंडाहुली पंचायत के तहत आनेवाले आरा गांव पहुंचे सीएम ग्रामीणों के कार्यो से खासे प्रभावित हुए। यहां के ग्रामीणों के साथ उन्होंने चौपाल लगाई, उनके अनुभव सुने और सुझाव लिए। बैठक में ग्रामीणों ने अपने अनुभव साझा किये।

1000 गांवों को बनाया जाएगा आदर्श : सीएम

मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि ओरमांझी के आरा और केरम गांव की तर्ज पर पूरे राज्य में 1000 गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित किया जाएगा। रविवार को आरा गांव के ग्रामीणों के साथ चौपाल में मुख्यमंत्री ने कहा कि हम ऐसा आदर्श गांव बनाएंगे जो नशा मुक्त हो। जहां कोई भी बीपीएल परिवार न हो। गांव स्वच्छ, साक्षर और स्वावलंबी हो। उन्होंने कहा कि ऐसे आदर्श गांव के तहत आनेवाली पंचायतों को प्रतिमाह 20 हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी।