RANCHI: रांची में कोयले की तस्करी का मोड चेंज हो गया है। तस्कर अब पहले से ज्यादा हाईटेक हो गए हैं। साइकिल, बाइक जैसे पुराने मीडियम का इस्तेमाल कम कर दिया गया है। अब ये लोग कार और अन्य महंगी गाडि़यों से कोयले की तस्करी कर रहे हैं। यह खुलासा तब हुआ जब रांची के बुढ़मू में वन विभाग की ओर से मारुती कार की जांच की गई है। इसमें लगभग चार से पांच क्विंटल कोयला बरामद किया गया। बुढ़मू थाना क्षेत्र में अवैध कोयले की तस्करी बदस्तूर जारी है। कई बार इलाके से पहले भी तस्करी की सूचना आ चुकी है। लेकिन कार्रवाई नहीं होने के कारण तस्करी नहीं रुक रही है। कोयला तस्कर पिपरवार, मगध, आम्रपाली, छापर जैसे कोलवरी क्षेत्र से पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर कोयले को बुढमू, ठाकुरगांव व मांडर इलाकों से बेधड़क तस्करी कर रहे हैं।

तस्करी में प्रयोग हो रहे है कई तरह के वाहन

कोयला तस्करी में कार, ओमनी के अलावा ट्रैक्टर, हाइवा, टर्बो, ट्रक, बोलेरो जैसे वाहन भी इस्तेमाल हो रहे हैं। लेकिन इन पर कार्रवाई नहीं होती है। ज्यादा दबाव होने पर पुलिस अवैध कोयले के खिलाफ अभियान तो चलाती है, लेकिन इसमें भी सिर्फ छोटे तस्कर जो बाइक और साइकल से कोयला ढोते हैं, उन्हें पकड़ कर पुलिस कोरम पूरा कर लेती है। बडे़ तस्कर जो बड़े लेवल में कोयला चोरी करते हैं, वे खुद को सेफ जोन में रखते हैं। इस वजह से कई बार पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खडे़ होते हैं। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार हाल के दिनों में कोयला तस्करी के मामले आए है। हिन्दगीर के रास्ते कोयले की तस्करी की जा रही है। पुलिस का चेकिंग अभियान बुढमू व ठाकुरगांव के बीच चलाया जाता है। हाल ही में बुढमू पुलिस ने भी बोलेरो में हो रहे कोयला तस्करी का खुलासा किया था।

बंद पडे़ माइंस से चोरी

तस्कर ज्यादातर वैसे माइंस से कोयले की चोरी कर रहे हैं जो बंद पड़े हैं। खदान में पहुंच कर ये लोग खुद ही कोयला लोड करते है। यह काफी रिस्की भी है। वहीं इन चोरी के कोयले के खरीदार भी अवैध लोग ही हैं। गैरकानूनी तरीके से ईट भट्ठा चला रहे हैं। वे ही ज्यादातर चोरी के कोयले खरीदते हैं। उन्हें बिल्कुल मामूली दाम में कोयला मिल जाता है। इधर तस्करी करने वालों को भी बिना किसी इन्वेंस्टमेंट के अच्छा मुनाफा हो जाता है। इससे ये लोग तस्करी करने के लिए तैयार रहते है। बड़े कोयला माफिया की पहुंच भी ऊपर तक है। कमाई का कुछ हिस्सा पुलिस तक भी पहुंचता है, जिस कारण इलाके की पुलिस अपनी आंख बंद रखती है। पुलिस वाले साइकल से तस्करी करने वालों से लेकर हाइवा वालों से भी पैसे लेते हैं। यह जानकारी कोयला की तस्करी करने वाले एक युवक ने दी है। उसने बताया कि महीने का पांच से लेकर 15 हजार रुपए तक पुलिस का बंधा हुआ है। इसके इलावा कुछ हिस्सा वन विभाग वाले भी लेते हैं। तभी आसानी से कोयले को खदान से निकलकर ईट भट्ठा और शहर के गली-गली तक पहुंचया जाता है।

कार्रवाई तो लगातार हो रही है। बीते महीने भर में दर्जनों लोगों को अरेस्ट भी किया गया है। जंगली क्षेत्र से लोग गाड़ी निकालते हैं। कई एफआईआर भी दर्ज हुए हैं। आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

-नौशाद आलम, रूरल एसपी, रांची