रांची (ब्यूरो): झारखंड सहायक प्राध्यापक (अनुबंध) संघ द्वारा रांची में राजभवन के समक्ष शनिवार को तीसरे दिन भी ध्यानाकर्षण कार्यक्रम जारी रहा।

मांगों पर ध्यान दे सरकार

सिद्धू-कान्हू मुर्मू विश्वविद्यालय दुमका से आए डॉ कुमार सौरभ ने कहा कि सरकार को हमारी मांगों पर ध्यान देने की आवश्यकता है। घंटी आधारित शिक्षकों के धरना में शामिल होने की वजह से रा'य के विभिन्न विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में कक्षाएं खाली जा रही हैं। रांची विश्वविद्यालय के शिक्षक डॉ अशोक कुमार महतो ने कहा कि सरकार को हमारी चार सूत्री मांगों पर गंभीरता के साथ विचार करने की आवश्यक्ता है। विनोबा भावे विश्वविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ रूपम कुमारी ने कहा कि सरकार हमें सबसे पहले यूजीसी ग्रेड पे के अनुसार फिक्स सैलेरी दे, अनुबंध शिक्षकों को नियमित करे और सम्मान से जीवन-यापन करने का मार्ग प्रदान करे।

नहीं मिला समय

कोल्हान विश्वविद्यालय की शिक्षिका डॉ अंजना सिंह ने कहा कि एसकेएमयू तथा कोल्हान विश्वविद्यालय में 6-6 यानी कुल 12 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। उन्हें सरकार फिर से सेवा में लाए। मौके पर डॉ स्मिता गुप्ता, डॉ निवेदिता व डॉ माधुरी दास ने कहा कि मुख्यमंत्री से कई बार मिलने का समय मांगा गया, लेकिन समय नहीं मिला। मजबूर होकर हम सभी शिक्षकों को राजभवन के सामने धरने पर बैठना पड़ रहा है।

ये हुए शामिल

प्रदर्शन में डॉ स्वीटी मरांडी, डॉ सोनू फ्रांसिस मूर्मू, डॉ सुधा ग्लादिस किस्कू, डॉ संयोजित लकड़ा, डॉ गुरुचरण पूर्ति, डॉ मनोज क'छप, डॉ रेखा कुमारी, डॉ पुष्पा कुमारी, डॉ यदुवंश यादव, डॉ इंद्रभूषण, डॉ एसके झा, डॉ निरंजन कुमार महतो, डॉ ब्रह्मानंद साहू, डॉ त्रिभूवन शाही, डॉ मिराकल टेटे, डॉ सत्यनारायण उरांव, डॉ नीरा वर्मा, डॉ संजू कुमारी, सुनीता उरांव, डॉ बीरेंद्र उरांव, डॉ बीएन साहू, डॉ दीपक कुमार, डॉ अजय नाथ सहदेव, डॉ सुमंत झा, डॉ नरेन्द्र दास, डॉ राम कुमार, डॉ मिथिलेश कुमार सिंह, डॉ बिलकस पन्ना आदि शामिल हुए।