रांची: रांची में कोरोना की एंट्री को एक साल पूरे हो चुके हैं। एक साल पहले आज ही के दिन यानी 31 मार्च 2020 को रांची के हिंदपीढ़ी में कोरोना संक्रमण का पहला मामला सामने आया था। तब जमात में आई एक मलेशियाई युवती कोरोना पॉजिटिव पायी गई थी। यहीं से शुरू हुई थी इलाकों को सील करने के शुरुआत। सबसे पहले हिंदपीढ़ी को सील किया गया था, जो करीब चार महीने तक पूरी तरह से आम लोगों के लिए बंद था। रांची में कोरोना के एक वर्ष पूरे होने के बावजूद इन्फेक्शन के मामले दोबारा सामने आने लगे हैं। रोज 50 से ज्यादा संक्रमितों की पहचान हो रही है। मंगलवार को ही रांची में 262 पॉजिटिव केसेज की पहचान हुई। इस बीच प्रशासन ने अपनी ओर से दोबारा वही कसरत शुरू की है, जो एक साल पहले हुई थी। कोविड केयर सेंटर्स बनाये जा रहे हैं। टेस्ट के लिए सेंटर्स बढ़ाए जा रहे हैं और कांटैक्ट ट्रेसिंग शुरू कर दी गई है। ऐसे में यह जरूरी है कि आम लोग सकर्त रहें, ताकि एक साल पहले जैसे हालात पैदा हुए थे, वे दोबारा न दोहराए जाएं।

ऐसे लौटा कोरोना

पिछले साल जुलाई तक संक्रमण लगातार बढ़ रहा था, जबकि अगस्त से इसमें कमी आने लगी थी। पिछले महीने से झारखंड में भी अन्य राज्यों की तरह फिर संक्रमण बढ़ने लगा है। रांची के हिंदपीढ़ी में शुरुआती दौर में कोरोना संक्रमण के मामले सामने आए थे। इसके बाद दूसरे राज्यों के प्रवासी मजदूरों व अन्य लोगों के लौटने से झारखंड के सभी जिलों में संक्रमण बढ़ता गया। राज्य में पहला मरीज मिलने से लेकर अबतक यहां 1,23,090 लोग संक्रमित हुए हैं। इनमें 1,20,012 लोग कोरोना को हराकर स्वस्थ हो गए। इस अवधि में 1,110 लोगों को कोरोना से जान भी गंवानी पड़ी। इसमें मंत्री हाजी हुसैन अंसारी का भी नाम शामिल हैं।

रिकवरी रेट 18 राज्यों से बेहतर

झारखंड में मरीजों के इन्फेक्शन से मुक्त होने की दर देश के 18 राज्यों से बेहतर है। दूसरी ओर, संक्रमण से होनेवाली मौत को कम करने में भी झारखंड इन राज्यों से आगे है। झारखंड में रिकवरी रेट 97.5 परसेंट तथा मृत्यु दर 0.9 परसेंट है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह दर क्रमश: 94.30 तथा 1.30 परसेंट है। झारखंड मृत्यु दर को एक फीसद से कम रखने में सफल रहा है।

बाहर से रांची आने वालों का टेस्ट अनिवार्य

होली के बाद रांची आने वाले लोगों को पहले कोविड-19 का टेस्ट कराना होगा। खासकर जो लोग छत्तीसगढ़ इलाके से रांची पहुंचेंगे उनको टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है। रांची जिला प्रशासन ने आईटीआई बस स्टैंड के पास एक टेस्ट सेंटर बनाया है। वहां बस से उतरने वाले लोगों का टेस्ट किया जाएगा। इसके अलावा शहर में आठ सेंटर्स पर कोविड टेस्ट की व्यवस्था की गई है। छत्तीसगढ़ से आने वाले सभी बसों की सवारियों का टेस्ट करने के लिए आईटीआई बस स्टैंड पर मजिस्ट्रेट के साथ मेडिकल टीम 1 अप्रैल से तैयार रहेगी।

320 बेड का क्वॉरंटीन सेंटर

जिला प्रशासन ने खेलगांव के टावर फोर में 320 बेड का क्वारंटीन सेंटर तैयार किया है। इस सेंटर में आठ बड़े रूम बनाए गए हैं। प्रत्येक रूम में 40 बेड लगाए गए हैं। इसके साथ ही यहां एक कोविड टेस्टिंग सेंटर की भी स्थापना की गई है। क्वारंटीन सेंटर में 24 घंटे डॉक्टर और एंबुलेंस की भी व्यवस्था रहेगी। किसी भी आपात स्थिति में यहां से संक्रमितों को तत्काल अस्पताल पहुंचने के लिए सारी सुविधा दी जाएगी।

इन्हें टेस्ट कराना जरूरी

रांची डीसी छवि रंजन ने बताया कि अनुमंडल पदाधिकारी के माध्यम से सभी थानों को नोटिस निर्गत कर सभी रेस्टोरंट, सभी बड़े दुकान, संस्थान के प्रबंधक को 8 अप्रैल तक अपने अधीनस्थ कर्मिचारियों का कोविड टेस्ट करा लेने को कहा गया है। बिल्डर एसोसिएशन, ऑटो-रिक्शा यूनियन इत्यादि को भी कोविड टेस्टिंग कराने संबंधी निदर्ेंश निर्गत करने को कहा गया है। साथ ही जिला शिक्षा अधीक्षक को सरकारी एवं गैर सरकारी स्कूलो तथा कॉलेजो में पढ़ने वाले स्टूडेंट्स का कोरोना टेस्ट कराना अनिवार्य किया गया है।

शहर के सभी अलग-अलग इलाकों में टेस्ट सेंटर बनाया गया है, ताकि उस इलाके के लोगों को टेस्ट कराने के लिए बहुत अधिक दूर नहीं जाना पड़े। शहर के सभी स्वास्थ्य केंद्र और उप स्वास्थ्य केंद्र पर कलेक्शन सेंटर तैयार किया गया है। वहां सैंपल कलेक्ट करने वाले एक्सपर्ट लोगों की टीम हर दिन मौजूद रहेगी। वहां आकर लोग टेस्ट करा सकते हैं।

छवि रंजन, डीसी, रांची

यहां है सैंपल कलेक्शन की व्यवस्था

1. सैनिक मार्केट

2. एयरपोर्ट

3. रेलवे स्टेशन

4. एचएससी एदलहातू

5. एचएससी हेहल

6. एचएससी तुपुदाना

7. एचएससी गांधीनगर

8. एचएससी हातमा

9. एचएससी चुटिया

10. एचएससी नामकुम

11. सीएचसी रातू

12. होटवार जेल

13. सीएचसी रेसलदार नगर

14. सीएचसी डोरंडा

15. सीएचसी कांके

16. सदर हॉस्पिटल