-पूजा समिति स्टॉल के लिए वसूल रही मोटी रकम

-दुकानदारों ने बोला बढ़ जाती है लागत

RANCHI(28 Sep): दो पीस लिट्टी पचास रुपए। चाऊमीन म्0 रुपए प्लेट। मसाला डोसा 80 रुपए। राजधानी के पूजा पंडालों में स्टॉल पर मिलनेवाले इन डिशेज के दाम चौंकाते जरूर हैं, पर पूजा की धूम में दोगुने दाम देकर आप निकल जाते हैं। पर असल में इस बढ़ी हुई कीमत की वजह शहर के पूजा पंडालों से पूजा संचालकों से वसूली गई रकम है। चाहे वह बकरी बाजार का पूजा पंडाल हो या कोकर का पूजा पंडाल, सभी जगह स्टॉल संचालकों को स्टॉल लगाने की फीस चुकानी पड़ती है और यह कीमत स्टॉल संचालक पूजा पंडाल घूमने आनेवाले श्रद्धालुओं से वसूलते हैं।

महंगा बेचना मजबूरी है

आरआर स्पोर्टिग क्लब के पास चाऊमीन चिल्ली का स्टॉल लगानेवाले शिव कुमार ने बताया कि बीती दफा हमने बकरी बाजार में म् बाई म् के स्टॉल के लिए बात की थी। हमको भ्0 हजार रुपए देने को कहा गया। चाऊमीन के बड़े स्टॉल के लिए तो एक से डेढ़ लाख तक लिये जाते हैं। ऐसे में महंगी डिशेज बेचना हमारी मजबूरी होती है, नहीं तो घाटा हो जाएगा। पैसे देने के बाद भी अगर बारिश हो जाये तो लोग कम आते हैं ऐसे में घाटा तो स्वभाविक ही है। उन्होंने बताया कि आरआर स्पोर्टिग के बगल में स्टॉल लगाने का फायदा यह है कि हमें सिर्फ पूजा के चंदे के पांच हजार देने पड़े। इतना तो हम आराम से निकाल लेंगे।

चाट दुकान के लिए ख्भ् हजार

कोकर पूजा पंडाल के सामने चाऊमीन और चाट की दुकान लगानेवाले संचालक ने बताया कि यहां हमने स्टॉल के लिए ख्भ् हजार रुपए दिए हैं। अब यह राशि तो लागत में जुड़ जाती है इसलिए इसे वसूलना तो ग्राहकों से ही पड़ेगा। शहर के लगभग सभी पूजा पंडालों में संचालकों को राशि देनी ही पड़ती है, क्योंकि वे भी पूजा के आयोजन में बड़ा खर्च करते हैं। वहीं पूजा पंडाल घूमने आये आयुष ने बताया कि पूजा पंडालों के आसपास खाने-पीने की चीजें आमतौर पर महंगी होती हैं। जो पानी की बोतल बाहर पंद्रह में मिलती है वह पूजा पंडाल में लगे स्टॉल में ख्0 रुपए तक में मिलती है। जो डोसा बाहर पचास रुपए में मिलता है वह पूजा पंडालों के पास सौ रुपए तक में मिलता है। पर श्रद्धालुओं के सामने अधिक पैसे देने के सिवा और कोई विकल्प नहीं है।

रेट चार्ट