रांची (ब्यूरो) : जी हां, कांके रोड से लेकर हिनू तक हर दिन नेता, मंत्री, अधिकारी से लेकर पुलिस की गाड़ी दौड़ती रहती है। लेकिन रात ढलते ही चारों ओर सन्नाटा पसर जाता है। फिर यह सडक़ अपराधियों के हवाले हो जाती है। रात के सन्नाटे में अपराधी इस सडक़ पर लोगों से लूटपाट करते हैं।

कई मामले आए सामने

हाल के दिनों में लगातार ऐसे केस सामने आ रहे हैं, जिसमें रात के वक्त ड्यूटी से घर लौट रहे लोगों के साथ अपराधियों ने लूटपाट की कोशिश की है। बीते मंगलवार की रात करीब एक बजे ड्यूटी से घर लौट रहे रघुवीर सहाय के साथ अपराधियों ने किशोरगंज से सहजानंद चौक के बीच लूटपाट का प्रयास किया। अपराधियों ने पहले हाथ देकर गाड़ी रुकवाना चाहा, लेकिन जब रघुवीर नहीं रुके तो अपराधी कुछ दूर तक उनका पीछा किए। हालांकि, रघुवीर वहां से निकलने में सफल रहे। लेकिन आम लोगों के साथ लगातार ऐसी घटनाएं हो रही हैं।

11 बजे पेट्रोलिंग बंद

रात में पुलिस पेट्रोलिंग भी सुस्त हो जाती है। दिन में पुलिस आम लोगों को सुरक्षा देने में विफल तो है ही, रात में भी लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में पुलिस सफल नहीं हो रही है। आलम यह है कि रात में जब पुलिस गश्ती के लिए निकलती है तो वो रोड साइड गाड़ी खड़ीकर आराम फरमाने लगती है। तब तक अपराधी अपना काम कर निकल लेते हैं। राजधानी के सबसे वीआईपी रोड का भी ऐसा ही हाल है। यहां पीसीआर की गाड़ी खड़ी तो दिखती है लेकिन पुलिस नजर नहीं आती। किशोरगंज से बिरसा सहजानंद चौक, बिरसा चौक से हिनू, कांके रोड समेत अन्य इलाकों में अपराधी बेखौफ लूटपाट कर रहे हैं।

आधी रात घूम रहे नकाबपोश

सडक़ पर पुलिस पेट्रोलिंग नहीं होने के कारण रात बारह बजे के बाद हथियार से लैस नकाबपोश अपराधियों का कब्जा सडक़ पर हो जाता है। रात में गुजरने वाले लोगों पर हमलाकर उनसे लूटपाट और मारपीट भी की जाती है। गश्ती पुलिस और पीसीआर पर किसी तरह की कोई मॉनिटरिंग नहीं होने का नतीजा है कि अपराधियों पर लगाम नहीं लग पा रहा है। रात बारह बजे के बाद अपराधी एक्टिव हो जाते हैं और पुलिस की पेट्रोलिंग रात के दस बजे के बाद से ही ढीली पड़ जाती है।

अकेला देखते ही निशाना

किसी सुनसान इलाके में अकेला व्यक्ति देख अपराधी उसके साथ लूटपाट करते हैं। रात के अंधेरे में अपराधी सडक़ों पर निकलते हैं और अलग-अलग इलाकों का चक्कर लगाते हैं। कहीं कोई अकेला इंसान दिख गया तो कांड को अंजाम देकर फरार हो जाते हैं। लूटपाट करने वाले कई गिरोह हैं, जो सुनसान इलाकों में कांड कर रहे हैं। बीते हफ्ते धुर्वा के पास तीन अपराधियों ने पुलिस के जवान से लूटपाट की। हालांकि, कुछ देर बाद जब पुलिस अपराधियों की तलाश में निकली तो वे लोग दूसरा शिकार ढूंढते हुए पुलिस के हत्थे चढ़ गए।

हाल की कुछ घटनाएं

केस-1

20 सितंबर : स्पेशल ब्रांच में तैनात पुलिसकर्मी हरेन्द्र कुमार से स्कूटी सवार अपराधियों ने चाकू के बल पर लूटपाट की। हालांकि पुलिस की कार्रवाई में आधे घंटे के अंदर ही तीन अपराधी गिरफ्तार कर लिये गए।

केस-2

10 सितंबर: ड्यूटी से घर लौट रहे पत्रकार संजय चौधरी को रात करीब दो बजे अपराधियों ने भुसुर टीओपी मोड़ पर दाउली दिखाकर रोक लिया। हालांकि, पत्रकार किसी तरह खुद को बचाते हुए वहां से निकलने में सफल रहे।

केस-3

4 सितंबर : ऑफिस का काम खत्म करके कांके रोड स्थित अपने घर जा रहे आकाश महतो को अपराधियों ने रात साढ़े बारह बजे हथियार दिखा कर रोका। इसके बाद मोबाइल और पर्स लूट लिये।

केस 4

27 अगस्त: ऑफिस से देर रात घर लौट रहे धुर्वा निवासी अमरेंद्र गुप्ता को अपराधियों ने रात डेढ़ बजे सहजानंद चौक के पास रोक लिया। चाकू का भय दिखाकर उनसे लूटपाट की और भाग गए।

हॉट स्पॉट को चिन्हित करके वहां पुलिस बल की संख्या बढ़ाई जा रही है। पुलिस पेट्रोलिंग भी सख्ती से करने के निर्देश दिए गए हैं। कुछ अपराधी गिरफ्तार भी हुए हैं।

- किशोर कौशल, एसएसपी, रांची