RANCHI : खलारी थाना एरिया के डकरा गुरुद्वारा गेट के पास अपराधियों ने ट्रांसपोर्टर कमलजीत सिंह उर्फ रिंकू पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। रविवार की सुबह अपराधियों की गोली से घायल ट्रांसपोर्टर को आनन-फानन में डकरा रेफरल हॉस्पिटल ले जाय गया, लेकिन चिकित्सकों ने गंभीर हालत को देखते हुए रिम्स रेफर कर दिया। इसके बाग उन्हें मेडिका हॉस्पिटल में एडमिट किया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई। इस बाबत रिंकू के परिजनों ने तीन के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई है। पुलिस अपराधियों की तलाश में संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।

तीन की संख्या में थे अपराधी

मिली जानकारी के मुताबिक, कंवलजीत अपने कुछ दोस्तों के साथ हर दिन की तरह रविवार की सुबह गुरुद्वारा कॉम्प्लेक्स स्थित अपन भाई की दुकान पर गए थे। वे सूर्या जांच घर के पास अखबार पढ़ रहे थे। इस बीच एक अपाची बाइक पर तीन अपराधी पहुंचें। वे सभी मुंह को सॉल से ढके हुए थे। वे सभी बाइक उतरकर ताबड़तोड़ फायरिंग करते हुए कमलजीत उर्फ रिंकू के करीब आकर उनपर गोलियों दागनी शुरु कर दी। ऐसे में वे भागने लगे, लेकिन पास में ही स्थित एसबीआई के पास गिर गए। यहां आकर अपराधियों ने उनके चेहरे पर गोली मार दी.अपराधियों द्वारा की जा रही फायरिंग से मौके पर मौजूद रिंकू के दोस्त अशोक सिंह और सुबोध सिंह भागने लगे। लेकिन, हड़बड़ाहट में सुबोध नाली में गिर गया।

भाई ने दिखाई हिम्मत

भाई पर फायरिंग होता देख बलविंदर सिंह ने साहस दिखाते हुए अपराधियों को पकड़ना चाहा। ऐसे में अपराधियों ने बलविंदर भी गोली दागी, लेकिन वे बच गए। उन्होंने अपराधियों पर पत्थर भी चलाया, लेकिन कमलजीत को गोली मारने के बाद वे सभी फरार हो गए। फायरिंग की जानकारी मिलते ही खलारी इंस्पेक्टर राजदेव प्रसाद दलबल के साथ स्पॉट पर पहुंचकर पूरे मामले की जानकारी ली। घटना स्थल से पुलिस को कई खोखे मिले हैं। पुलिस को आशंका ही कि आपसी विवाद में इस घटना को अंजाम दिया गया।

बंद हो गया डकरा बाजार

रिंक की हत्या की खबर आग की तरह पूरे इलाके में फैल गई। घटनास्थल पर बड़ी संख्या में लोगों का जुटान हुआ। लोग इस हत्याकांड को लेकर अलग-अलग बातें कर रहे थे। दूसरी तरफ इस घटना के बाद डकरा की सारी दुकाने बंद हो गई। करीब चार घंटे तक कोयले की ट्रांसपोर्टिग भी ठप रही।

परिवार का रीढ़ था रिंकू

38 साल का कमलजीत चार भाईयों में सबसे छोटा था, लेकिन परिवार का रीढ़ था। उसके पिता सीसीएल में काम करते थे। पहले पूरा परिवार डकरा में रहता था, लेकिन बाद में केडी शिवपुरी कॉलोनी में शिफ्ट कर गया था। कम उम्र से ही वह कारोबार करने लगा था। तीन साल पहले उसकी शादी हुई थी। उसकी दो साल की एक बेटी भी है। कमलजीत की हत्या के बाद मां व पत्नी सहित सभी परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था।