RANCHI: राजधानी में स्ट्रीट डॉग्स के अलावा रोड पर घूमने वाले आवारा जानवरों को पकड़ने और उनके वैक्सीनेशन करने का काम नगर निगम ने होप एंड एनीमल ट्रस्ट एजेंसी को दिया है, जिसके तहत एजेंसी आवारा जानवरों को पकड़कर उनका इलाज भी करती है। लेकिन कुछ सालों से जानवरों के लिए बनाए गए शेल्टर होम में गुंडों ने कब्जा जमा लिया है, जिससे कि न तो उनका प्रॉपर इलाज हो पा रहा है और न ही वैक्सीनेशन। इतना ही नहीं, ज्यादा संख्या में कुतों को पकड़कर स्टरलाइजेशन भी नहीं किया जा रहा है। इसे लेकर होप एजेंसी ने खूंटी थाना समेत वरीय अधिकारियों से भी गुहार लगाई है। लेकिन आजतक शेल्टर को खाली नहीं कराया जा सका। अब एजेंसी यह सवाल उठा रही है कि जब प्रशासन और पुलिस कार्रवाई न करे तो कौन करेगा?

कई जानवर गंवा रहे जान

होप एजेंसी लंबे समय से रांची नगर निगम के लिए काम कर रही है। ऐसे में एजेंसी को खूंटी में शेल्टर होम बनाकर दिया गया था। जहां पर आवारा जानवरों के रखने से लेकर इलाज करने के सारे इंतजाम मौजूद थे। इस बीच वहां पर गुंडों ने कब्जा जमा लिया। अब एजेंसी शेल्टर होम के चक्कर में न तो आवारा जानवरों का इलाज कर पा रही है और न देखरेख। इस चक्कर में कई जानवर अपनी जान भी गंवा रहे हैं।

जान से हाथ धोने की धमकी, छोड़ा शहर

अवैध कब्जा करने के बाद एजेंसी के लोगों ने कई बार शेल्टर होम जाकर खाली कराने का प्रयास किया। लेकिन वहां पर कब्जा करने वालों ने अपना ताला लगा दिया था। तब होप के सेक्रेटरी प्रवीण ओहल ने वहां से अवैध कब्जा हटाने के लिए खूंटी थाने में आवेदन दिया। लेकिन उनकी एफआईआर दर्ज नहीं की गई। इसके बाद उन्होंने वरीय अधिकारियों से गुहार लगाई तो शहर छोड़ देने की धमकी दी गई। साथ ही कहा गया कि अंजाम अच्छा नहीं होगा। इसके बाद फैमिली को लेकर उन्हें रांची छोड़ना पड़ा।

हमारी आर्गनाइजेशन जानवरों के लिए काम करती है। हम काफी लंबे समय से निगम के साथ मिलकर रांची में काम कर रहे है। सिटी में जगह कम थी तो हमने फंडिंग से शेल्टर होम खूंटी में बनाया, जिससे कि किसी को परेशानी न हो। लेकिन गुंडों ने अवैध कब्जा जमा लिया। आज हम न तो ढंग से काम कर पा रहे है और न ही जानवरों का इलाज। एफआईआर दर्ज कराने के बाद भी आजतक कोई एक्शन नहीं हुआ।

-प्रवीण ओहल, सेक्रेटरी, होप एंड एनीमल ट्रस्ट