रांची (ब्यूरो) । साइबर अपराधी अब जेल की चारदीवारी के अंदर तक पहुंच गए हैं। आम लोगों को शिकार बनाते-बनाते अब इन ठगों ने कैदियों के परिजनों को भी शिकार बनाना शुरू कर दिया है। रांची के होटवार जेल में बंद एक के बाद एक कई कैदियों के परिजनों के साथ ऐसी ठगी हो चुकी हैं। कुछ दिनों पहले ही साइबर अपराधियों ने जेल में बंद दुर्गा मुंडा की पत्नी से 30 हजार रुपए की ठगी कर ली। इसके अलावा दो अलग-अलग कैदियों के परिजनों से दस-दस हजार रुपए की ठगी हुई है। अपराधियों ने कैदियों के परिजनों का कान्टेक्ट नंबर निकाल कर उनके साथ ठगी की है। इससे पहले यह समस्या आम लोगों के साथ हो रही थी। अलग-अलग तरीकों से आम नागरिकों को ठगने का प्रयास होता रहता है। साइबर अपराधी लोगों को ठगने का हर हथकंडा अपना चुके हैं। अपने शिकार को फंसाने के लिए ये नए-नए तरीके आजमाते रहते हैं। अब इनकी नजर सेंट्रल जेल होटवार में कैदियों के परिजनों पर पड़ी है।
इलाज के बहाने ठगी
साइबर अपराधी जेल में बंद कैदियों के परिजनों का पहले नंबर जुगाड़ करते हैं। उसके बाद कैदी के परिजनों को फोन करके उनके परिचित के घायल होने की बात कही जाती है। जिसमें 10 से 50 हजार रुपए का खर्च बताया जाता है। कैदी के परिजनों पर फोन पे के माध्यम से पेमेंट करने का दबाव बनाया जाता है। कैदी के परिजन भी बेहतर इलाज कराने की उम्मीद में पैसे ट्रांसफर कर देते हैं। लेकिन बाद में जब वे अपने परिचित से मिलने जेल पहुंचते हैं तो वहां उन्हें पता चलता है कि उनके परिचित को कुछ हुआ ही नहीं, वह भला चंगा है। जब उस नंबर पर फोन किया जाता है तो वह स्वीच ऑफ या आउट ऑफ नेटवर्क बताता है। बिरसा मुंडा केंद्रीय कारागार में रह रहे कैदियों के परिचितों से इसी फार्मूले पर ठगी की जा रही है।
चोर के घर चोरी
होटवार हो या कोई भी जेल यहां अपराधी ही रहते हैं, जिसे किसी अपराध के लिए कोर्ट द्वारा सजा दी जाती है, उन्हीं को यहां रखा जाता है। ऐसे में यह कहा जा सकता है कि अब चोर के घर ही चोरी करने साइबर अपराधी पहुंच रहे हैं। जेल में छिटपुट अपराधियों के पास फोन नहीं होता है। जिस कारण उनके परिजन हर वक्त उनके सपंर्क में नहीं रह पाते हैं। इसी का फायदा साइबर अपराधी उठा रहे हैं, जिस प्रकार कैदियों के परिचितों तक फोन जा रहा है इससे जेल प्रबंधन पर भी सवाल उठने शुरू हो गए हैं। जेल का डेटा लीक हुआ है या फिर इसमें किसी परिचित का हाथ है। बहरहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है। इसके बाद ही तस्वीर स्पष्ट हो पाएगी।

केस-1
तुपुदाना की महिला से ठगी
जेल में रह रहे कैदी दुर्गा मुंडा की पत्नी तुपुदाना में रहती है। साइबर अपराधियों ने दुर्गा के बीमार होने और उसके इलाज पर 30 हजार रुपए खर्च होने की बात करते हुए महिला से पैसे ठग लिये। मामला जब सामने आया तो साइबर सेल और टेक्निकल सेल की टीम इसकी जांच में जुटी हुई है।

केस-2
मोहंती व सुनील के साथ भी ठगी
नामकुम के रहने वाले मोहंती और खूंटी निवासी संतोष गोप के साथ भी ऐसी ही ठगी हुई है। दुर्गा मुंडा के साथ ठगी के मामले की जब जांच की गई, तो उनके जैसी ही दो और घटनाएं सामने आईं। जिसमें पीडि़त ने बताया कि इलाज के नाम पर दस हजार रुपए की ठगी की गई है। इस मामले की भी जांच चल रही है।

साइबर फ्रॉड से बचने के लिए लोगों को अवेयर होने की जरूरत है। जब तक पूरी तरह संतुष्ट न हों, किसी तरह का ट्रांजेक्शन नहीं करना चाहिए।
-प्रभात बरवार, सदर डीएसपी