रांची(ब्यूरो)। डीडीसी कार्यालय आम लोगों के लिए सुविधा भले ही उपलब्ध नहीं कर रहा हो, लेकिन कचहरी पहुंचने वाले लोगों का पार्किंग स्थल जरूर बन गया है। जिन लोगों को डीडीसी कार्यालय में काम नहीं भी होता है वो अपनी गाडिय़ों की पार्किंग भी डीसी कार्यालय के कैंपस में ही करते हैं। नतीजन, जिन लोगों को डीडीसी कार्यालय में अपने काम के लिए आना होता है, वे एंट्री गेट से लेकर ऊपर पहुंचने तक परेशानियों से होकर गुजरते हैं। इस कैंपस में खड़े गार्ड भी लोगों को गाडिय़ां पार्किंग करने से मना नहीं करते हैं। यह एक ऐसे कार्यालय का हाल है जहां से जिले के विकास की योजनाएं बनाई जाती हैं, लोग अपने काम करवाने के लिए इस कार्यालय में हर दिन पहुंचते हैं।

पुरानी गाडिय़ां ज्यादा

एक तो इस कार्यालय में पहले से ही जगह कम है। ऊपर से कई पुरानी गाडिय़ां यहां शोभा बढ़ा रही हैं। इस कैंपस में नीचे 10 से अधिक पुरानी गाडिय़ां धूल फांक रही हैं। इसमें अधिकतर वैसी पुरानी गाडिय़ां हैं जो खराब हो गई हैं। लेकिन अधिकारियों द्वारा इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। आने वाले दिनों में यह गाडिय़ां और भी खराब होती जा रही हैं लेकिन किसी व्यक्ति का ध्यान इस पर नहीं जा रहा है। पुरानी गाडिय़ां दस साल से अधिक समय से इस कैंपस में खड़ी हैं, लेकिन इसे यहां से हटाने को कोई भी तैयार नहीं है।

कैंपस से ही गंदगी शुरू

तीन तल्ला इस कार्यालय भवन में गंदगी का अंबार कैंपस में एंट्री होने के साथ ही होती है। कैंपस एरिया में चारों तरफ गंदगी फैली रहती है। जैसे ही इस भवन में एंट्री करते हैं गेट पर गाडिय़ों के कारण जाम लगा रहता है। इस बिल्डिंग के दूसरे गेट पर एक कैफे खोल दिया गया है, जिसके कारण इस गेट से लोग ऊपर नहीं जा पाते हैं। इस एंट्री गेट पर ही पुराने फर्नीचर को रख दिया गया है, जो धूल से ढका हुआ है। जबकि यहां जिले के कई अधिकारियों का चैंबर है लेकिन कोई इस पर ध्यान नहीं देता है।

टॉयलेट भी रहता है बंद

इस कार्यालय के हर तल्ले पर शौचालय भी बना हुआ है। लेकिन एक शौचालय हमेशा बंद रहता है और उसमें गंदगी भरी पड़ी है। वहां कई साल से इसमें साफ -सफ ाई नहीं होती है। यहां काम करने आने वाले लोगों को शौचालय जाने में भी परेशानी होती है। यहां काम करवाने आने वाले लोगों को बैठने के लिए कोई व्यवस्था नहीं बनाई गई है। इस कारण अधिकतर लोग पार्किंग में ही खड़े और घूमते हुए नजर आते हैं। पानी पीने की भी बेहतर व्यवस्था नहीं बनाई गई है। लोगों को बाहर जाकर पानी पीना पड़ता है। सरकारी कार्यालय की इस बदतर व्यवस्था के कारण आम लोगों को यहां आने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

गिर रहा छज्जा, दीवारों में भी सीलन

इस भवन से करोड़ों रुपए की योजनाओं का संचालन जिले भर में किया जाता है। जितने भी विकास के काम होते हैं इसी भवन से होता है। करीब 40 साल पुराने इस भवन की स्थिति भी जर्जर हो गई है। बाहर से देखने पर ही बिल्डिंग पुराना दिखता है। बाहर से कई जगह उसका छज्जा भी गिर रहा है। भवन पुराना हो जाने के कारण दीवारों में भी सीलन पड़ गई है। जिला प्रशासन द्वारा समय-समय पर अंदर में पेंट वाश किया जाता है लेकिन बाहर इसका मेनटेनेंस नहीं हो पाता है। कई आईएएस अधिकारी यहां डीडीसी बनकर आए और चले गए, कई लोग आज विभागों में सचिव भी हैं लेकिन इस कार्यालय का कुछ नहीं हो पाया है।