RANCHI: नामकुम के राजाउलातू स्थित मां कलावती होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल के स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग के लिए रिम्स जल्द ही डेड बॉडी उपलब्ध कराएगा। कॉलेज प्रबंधन से कहा गया है कि लावारिस डेड बॉडी के लिए स्वास्थ्य विभाग में आवेदन देने की जरूरत नहीं है। अगर कॉलेज को ट्रेनिंग के लिए डेड बॉडी की जरूरत है तो वो डीसी को आवेदन दें और डीसी ऑफिस से निर्देश के बाद कॉलेज को रिम्स प्रशासन डेड बॉडी उपलब्ध करा देगा। बता दें कि डेड बॉडी नहीं मिलने की खबर को दैनिक जागरण आईनेक्स्ट ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। इसके बाद रिम्स प्रबंधन ने संबंधित होम्योपैथिक कॉलेज को प्रॉसेस की जानकारी उपलब्ध कराई है।

क्या है मामला?

नामकुम स्थित मां कलावती होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल का भारत सरकार के आयुष मंत्रालय ने 15 नवंबर 2017 को सत्र 2017-18 के प्रथम बैच के लिए बीएचएमएस कोर्स में 100 स्टूडेंट्स के नामांकन की अनुमति इस शर्त के साथ दी कि कॉलेज सीसीएच एमएसआर 2013 में निहित प्रावधानों के तहत 31 दिसंबर 2017 तक आवश्यक कमी को पूरा कर लेगा। कॉलेज को दी गई मान्यता के दस्तावेज बताते हैं कि एनाटॉमी एक्ट के तहत नामांकित स्टूडेंट्स का पठन-पाठन एवं प्रशिक्षण हेतु सक्षम पदाधिकारी से अनुमति प्राप्त कर कैडावर एंड मम्मीफाईड बॉडी एनाटॉमी डिपार्टमेंट में उपलब्ध कराना जरूरी है। जबकि इसके पूर्व ही कॉलेज प्रबंधन की ओर से एनाटॉमी एक्ट के तहत डेड बॉडी उपलब्ध कराने का अनुरोध किया जा चुका था।

वर्जन

रिम्स प्रबंधन द्वारा बताया गया कि अगर कॉलेज को ट्रेनिंग के लिए डेड बॉडी की जरूरत है, तो डीसी की अनुमति लेनी होगीं। इसलिए डीसी को आवेदन भेजा जा रहा है। उम्मीद करते हैं कि जल्द ही रिम्स प्रबंधन डीसी की अनुमति के बाद डेड बॉडी उपलब्ध कराएगा।

- रामजी यादव, प्रबंध निदेशक, मां कलावती होमियोपैथिक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल