-लोकसभा चुनाव में हुई हार ने सुदेश महतो के लिए खड़ी की विस सीट बचाने की चुनौती
RANCHI : लोकतंत्र में जनता ही सर्वोपरि है। वह जिसे चाहे सिंहासन पर बैठा दे, जिसे चाहे धूल में मिला दे। दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे पुराने राजनीतिक दल ने खुद पर न सिर्फ जनता जनार्दन की अनदेखी का दाग लगाया, बल्कि अपनी सरकार में करप्ट मिनिस्टर्स को जगह देने के लिए बदनाम होकर अपनी किरकिरी करा ली। झारखंड में भी कमोबेश यही स्थिति रही। यहां की जनता ने सभी के चुनावी एजेंडों को दरकिनार करते हुए अपने-अपने हिसाब से अपने मतों का इस्तेमाल किया।
सुदेश के लिए आसान नहीं विस की राह
आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो सिल्ली से कंटीन्यू एमएलए रहे हैं। कहा जाता है कि उनकी पकड़ उस क्षेत्र में बहुत अच्छी है। पर, इस बार के लोकसभा चुनाव में दो पार्टियों जेवीएम और बीजेपी की सिल्ली विधानसभा क्षेत्र में वोट की समीक्षा की जाए, तो आजसू सुप्रीमो के लिए विधानसभा की सीट बचा पाना मुश्किल हो सकता है। क्रिकेट एसोसिएशन को लेकर जेवीएम कैंडीडेट अमिताभ चौधरी व सुदेश महतो के बीच तनाव का दौर चल रहा है। आंकड़े बता रहे हैं कि 16वीं लोकसभा चुनाव में आजसू सुप्रीमो को उनके घर में 53,285 वोट्स मिले। जबकि, बीजेपी के रामहटल चौधरी को सिल्ली क्षेत्र में 25,532 तथा जेवीएम कैंडीडेट अमिताभ चौधरी को 24,038 वोट्स मिले। राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें, तो अगर विधानसभा चुनाव में गठबंधन के तौर पर कोई पार्टी सिल्ली से चुनाव लड़ती है, तो आजसू सुप्रीमो सुदेश महतो को उसमें दिक्कतें आ सकती हैं।
हटिया व रांची की जनता ने भी नकारा
हटिया विधानसभा क्षेत्र से आजसू पार्टी के एमएलए नवीन जायसवाल हैं। इस बार के लोकसभा चुनाव में आजसू पार्टी को उम्मीद थी कि हटिया विधानसभा क्षेत्र से आजसू सुप्रीमो को रिकॉर्ड तोड़ वोट्स मिलेंगे। पर, ऐसा नहीं हुआ। एमएलए की लाख कोशिशों के बावजूद हटिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने एक सिरे से सुदेश महतो को नकार दिया। आंकड़े बता रहे हैं कि हटिया में सुदेश महतो को 19,365 वोट्स मिले, जबकि अमिताभ चौधरी को 12,834 वोट्स से संतोष करना पड़ा। हटिया में बीजेपी ने 96,076 वोट लाकर हटिया एमएलए की लोकप्रियता पर भी सवालिया निशान लगा दिया। वहीं, रांची की जनता ने सुदेश महतो को एक सिरे से खारिज कर दिया। हटिया, सिल्ली और रांची में सुदेश महतो को यह उम्मीद थी कि उन्हें अच्छी-खासी बढ़त मिलेगी। रांची विधानसभा क्षेत्र से सुदेश महतो को 5,545, अमिताभ चौधरी को 3,264 वोट्स मिले। जबकि, बीजेपी ने 85,065 वोट्स हासिल किए।
तो बच सकती थी सुदेश की जमानत
अगर लोकसभा चुनाव में सुदेश महतो थोड़ा बूथ मैनेजमेंट पर ध्यान देते और निर्दलीय को अपने पक्ष में बैठाते, तो सुदेश महतो की जमानत बच सकती थी। आंकड़े बता रहे हैं कि जेवीएम, बीजेपी, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस के बंधु तिर्की समेत अनेक कैंडीडेट्स ने सिल्ली विधानसभा क्षेत्र से 1,32,945 वोट्स झटके। जबकि, छह विधानसभा क्षेत्र में सुदेश महतो को 1,42,945 वोट्स मिले। ऐसे में अगर उन्हें निर्दलीयों और छोटे-मोटे कैंडीडेट्स का साथ मिल जाता, तो जमानत भी बचती और सुबोधकांत सहाय को पछाड़कर दूसरे स्थान पर भी काबिज होते।
इन्होंने की सिल्ली में सेंधमारी
अमिताभ चौधरी- 24,038
रामटहल चौधरी- 25,532
सुबोध कांत सहाय- 9,811
बंधु तिर्की- 1,692
अमानुल्लाह- 574
दुर्गा मुंडा- 476
बहादुर उरांव- 669
बिशेश्वर महतो- 308
मान सिंह मार्डी- 423
युगेश्वर मरर दीन- 881
रंजीत महतो- 684
रामलाल महतो- 495
लाल ज्योतिंद्र नाथ शाहदेव- 605
विकास चंद्र शर्मा- 3,510
सुरेश टोप्पो- 686
अंजनी पांडेय- 170
अबुल हसन- 209
अमित कुमार सिंह- 301
अरशद अयूब- 557
कफीलुर रहमान- 519
चिंतामणि महतो- 213
थिद्देयूस लकड़ा- 195
बलराम कुमार बेदिया- 1,057
बिरेंद्र कुमार जायसवाल- 183
रामपोदो महतो- 203
साजिया हैदर- 300
रिजेक्ट- 993
टोटल- 1,32,945