पीजीडीएम के 66 और पीजीईएक्सपी के 59 को मिली डिग्री
हाथों में डिग्री और चेहरे पर खुशी। दिन भी खास और माहौल भी खुशनुमा। स्टूडेंट्स भी बेकरार और बेताब। मौका था मंडे को आईआईएम रांची के सेकेंड कॉन्वोकेशन का। रांची यूनिवर्सिटी के आर्यभïट्ट ऑडिटोरियम में हुए कॉन्वोकेशन में पीजीडीएम के 66 और पीजीईएक्सपी कोर्स के 59 स्टूडेंट्स को डिग्र्री मिली। इस खास मौके पर पीजीईएक्सपी के स्टूडेंट्स का उत्साह देखते ही बन रहा था। हो भी क्यों न। आखिर काम करते हुए पढ़ाई पूरी करना अपने आप में किसी चैलेंज से कम नहीं है। ऐसे में गाउन पहनकर डिग्र्री लेना और अपने बच्चों के संग फोटो खींचवाना उन्हें जिंदगी के किसी हसीन लम्हे सा लग रहा था। इस कॉन्वोकेशन में चीफ गेस्ट के रूप में टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट बी मुत्थुरमण और आईआईएम के चेयरमैन आरसी भार्गव, डायरेक्टर प्रो एमजे जेवियर के अलावे फैकल्टी मेंबर्स और स्टूडेंट्स मौजूद थे।

Experience की अहमियत
टाटा स्टील के वाइस प्रेसिडेंट बी मुत्थुरमण ने स्टूडेंट्स को सक्सेस टिप्स दिए। उन्होंने कहा कि  सक्सेस के लिए मैराथन दौड़ की तरह मेहनत की जरूरत है। सक्सेसफुल कॅरियर में पढ़ाई का 30 परसेंट और बाकी 70 परसेंट एक्सपीरिएंस काम आता है। आपका अनुभव आगे बढऩे में मददगार साबित होगा। जो संघर्ष से जुझने का दमखम रखता है, सफलता उसे ही मिलती है। उन्होंने स्टूडेंट्स को को कहा कि आप लक्की हैं, जो आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट से पढ़ाई करने का मौका मिला। सोसाइटी को आपसे काफी उम्मीदें हैं। ऐसे में आपकी ड्यूटी बनती है कि सोसाइटी के हित में अपना योगदान दें।

विनम्रता व ईमानदारी का पाठ  
आईआईएम के चेयरमैन आरसी भार्गव ने स्टूडेंट्स को संबोधित करते हुए कहा- पढ़ाई पूरी कर आप कैंपस से निकल रहे हैं। आपके जिंदगी की नई शुरूआत हो रही है। लेकिन, सिर्फ परफेक्ट मैनेजर बनने का लक्ष्य लेकर आगे न बढ़ें। विनम्र, ईमानदार और मेहनती बनकर आप न सिर्फ अपनी बल्कि सोसाइटी के लिए भी बहुत कुछ कर सकते हैं। आईएएस ऑफिसर एसके सत्पथी भी कॉन्वोकेशन में डिग्र्री लेने के लिए मौजूद थे। उन्होंने इस पल को अपनी जिंदगी के लिए काफी अमूल्य बताया। उन्होंने कहा कि यह ब्रिलिएंट एक्सपीरिएंस है। 30 सालों बाद गाउन पहनकर डिग्र्री ले रहा हूं। वैसे भी, पढऩे की कोई उम्र नहीं होती है। खासकर रांची में आईआईएम जैसे इंस्टीट्यूट के खुलने से एकेडमिक माहौल में काफी बदलाव आया है। अब अपने ही स्टेट व सिटी में स्टूडेंट्स को बेहतरीन इंस्टीट्यूट्स में पढऩे का मौका मिल रहा है।

नहीं दिखीं girls
आईआईएम रांची के सेकेंड कॉन्वोकेशन में एक भी छात्रा नहीं दिखी। दरअसल पीजीडीएम के सेकेंड बैच में एक भी गर्ल ने एडमिशन नहीं लिया था। इसी वजह से जब मंच पर स्टूडेंट्स को मेडल और डिग्र्री दी मिल रही थी, तो एक भी छात्रा का नाम नहीं पुकारा गया। हालांकि, फस्र्ट बैच में एक छात्रा ने एडमिशन लिया था, जबकि थर्ड बैच में अच्छी-खासी संख्या में गर्ल्स पीजीडीएम की पढ़ाई कर रही हैं।

Toppers को मिला medal
कॉन्वोकेशन में पीजीडीएम सेकेंड बैच ( 2011-13) के 66  और पीजीईएक्सपी के फस्र्ट बैच में (2011-13) 59 स्टूडेंट्स को डिग्र्री दी गई। इसके अलावे बेस्ट आउटगोईंग स्टूडेंट, बेस्ट समर प्रोजेक्ट इन फाइनांस, बेस्ट समर प्रोजेक्ट इन मार्केटिंग, बेस्ट प्रोजेक्ट इन एचआर और बैच के टॉपर को गोल्ड मेडल देकर सम्मानित किया गया।

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