रांची (ब्यूरो) । केंद्रीय कृषि व किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के रांची प्रवास के दौरान चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री के नेतृत्व में झारखंड चैंबर ऑफ कॉमर्स और रांची चैंबर पंडरा के पदाधिकारियों ने मुलाकात कर, एपीएलएम एक्ट में संशोधन का आग्रह किया$ यह कहा गया कि अन्य राज्यों से आयातित कृषि उपज पर रा'य सरकारों द्वारा शुल्क वसूलने की स्वतंत्रता के प्रावधान झारखंड जैसे रा'य के लिए अनुकूल नहीं है। चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री ने कहा कि पठारी क्षेत्र की अधिकता होने के कारण अन्य प्रदेशों की तुलना में झारखंड में कृषि योग्य भूमि काफी कम है$ यह आग्रह किया कि एपीएलएम एक्ट में प्रावधानित ''अन्य रा'यों से आयातित कृषि उपज पर शुल्क वसूलने की स्वतंत्रता' में जरूरी संशोधन करते हुए राष्ट्रीय स्तर पर एकल यानि प्रथम बिंदु पर मंडी शुल्क लिया जाना सुनिश्चित किया जाय। इस एक्ट में यह प्रावधान किया जाना चाहिए कि किसी भी वस्तु पर विपणन व्यवस्था के तहत यदि एक बार मंडी शुल्क लग गया है तो उस वस्तु पर किसी भी रा'य में दुबारा मंडी शुल्क नहीं लगना चाहिए। यह व्यवस्था राष्ट्रीय स्तर पर एकल बिंदु के तहत अनिवार्य रूप से लागू की जानी चाहिए।
मॉडल दिया गया है
प्रतिनिधिमंडल के आग्रह पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि कृषि क्षेत्र को उन्नत बनाने और कृषकों के उत्थान के लिए केंद्र सरकार द्वारा सभी राज्यों को एक मॉडल दिया गया है। यह एक्ट नहीं है, क्योंकि यह लोकसभा से पारित नहीं है। इसमें राज्य सरकार को शुल्क वसूलने की कहीं भी बाध्यता नहीं है। रा'य अपनी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए इसे लागू कर सकते हैं। केंद्र सरकार द्वारा इस मॉडल को प्रभावी करने के लिए कोई भी पत्र झारखंड सरकार को नहीं दिया गया है। केंद्र से आनेवाला कोई भी फंड इसके कारण रूकनेवाला नहीं है। झारखंड चैंबर यदि कृषि मंत्रालय को पत्र दे, तब मंत्रालय द्वारा इसकी लिखित जवाब भी उपलब्ध करा दिया जायेगा। उन्होंने यह भी कहा कि जब झारखंड के किसी भी मंडी में कृषकों का माल आता ही नहीं, तब इस शुल्क का कोई औचित्य ही नहीं है। प्रतिनिधिमंडल में चैंबर अध्यक्ष किशोर मंत्री, उपाध्यक्ष आदित्य मल्होत्रा, अमित शर्मा, महासचिव डॉ अभिषेक रामाधीन, सह सचिव रोहित पोद्दार, शैलेष अग्रवाल, रांची चैंबर पंडरा के अध्यक्ष संजय माहुरी, दीपक पोद्दार, अभय बदानी, किशन साबू शामिल थे।