रांची (ब्यूरो) । सदर थाना क्षेत्र के कोकर इंडस्ट्रियल एरिया स्थित विकास फर्नीचर दुकान में गुरुवार की रात दो बजे भीषण आग लगने से पूरा सामान जलकर खाक हो गया। इस संबंध में फर्नीचर दुकान के संचालक रोहित कुमार अग्रवाल ने सदर थाने में शिकायत दर्ज करायी। पुलिस को दिये बयान में दुकानदार ने कहा कि रात 12 बजे के आसपास घर के लोग सो गए। देर रात दो बजे धुंआ के कारण नींद टूटा। कमरे का गेट खोला तो देखा कि दुकान और गोदाम से आग की लपटे उठ रही है। जबकि उस समय घर में बिजली का बल्ब जल रहा था। अगर शार्ट सर्किट से आग लगती तो बिजली कट जाती है। किसी ने साजिश के तहत दुकान में आग लगायी है। सदर थाना पुलिस ने रोहित कुमार अग्रवाल के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर छानबीन शुरु कर दी है।
तो होता बड़ा नुकसान
जिस समय अगलगी की घटना घटी, आसपास पूरा सन्नाटा था। दुकान से आग की लपटे उठता देख रोहित अग्रवाल और उनकी पत्नी जोर जोर से चीखना-चिल्लाना शुरु की। जब तक आसपास के लोग मौके पर जुटे, दुकान और गोदाम में चारों ओर आग फैल चुकी थी। आग की लपटें घर तक पहुंच चुकी थी। जैसे तैसे घर के कुछ समान निकाले। इसके बाद पहले स्थानीय लोगों ने आग पर पानी डालना शुरू किया। लेकिन आग बढ़ता ही जा रहा था। ऐसे में करीब 2.45 बजे के आसपास अग्निशमन विभाग को इसकी सूचना दी गई। सूचना के आधा घंटे के बाद फायर ब्रिगेड की दमकल गाड़ी मौके पर पहुंची।
सीढ़ी से सभी को उतारा नीचे
फर्नीचर कारोबारी रोहित कुमार अग्रवाल परिवार के सात सदस्यों के साथ दुकान के ऊपरी तल्ले पर फंसे हुए थे। जबतक परिवार वालों की नींद टूटती निचले तल्ले से आग की लपटें उठ रही थी। सीढ़ी के रास्ते नीचे उतरना संभव नहीं था। आग की उठती लपटों के साथ कारोबारी परिजनों की चीख-पुकार तेज होते गई। इस बीच सड़क के दूसरी ओर पेट्रोल पंप के कर्मियों ने जब चीख पुकार सुनी तो दौर कर पहुंचे। आनन-फानन में पेट्रोल पंप से सीढ़ी मंगवाया गया। जिधर आग लगी थी उसके दूसरी ओर सीढ़ी लगाकर सभी सदस्यों को नीचे उतारा गया। कुछ जरूरी सामान भी बाहर निकाले गए।
और पानी हो गया खत्म.
आग पर काबू पाने पहुंची फायर ब्रिगेड की दमकल गाड़ी बिना तैयारी के मौके पर पहुंची इसका नतीजा ये हुआ कि कुछ देर के बाद ही दमकल गाड़ी की पानी समाप्त हो गई जबकि दुकान के समान अभी भी धू धू कर जल रही थी। स्थानीय लोगों के अनुसार खाली हो चुके दमकल गाड़ी के वापस लौटने के कुछ देर के बाद दूसरी गाड़ी पहुंचती थी। इस कारण भी क्षति ज्यादा हुई।