-शुरू हो गई डीजल ऑटोवालों की अनिश्चितकालीन स्ट्राइक
-सभी रूट पर लोगों को हुई परेशानी, सिटी बसों में भी नहीं मिली जगह
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RANCHI (19 May) : बोकारो जाने के लिए ट्रेन पकड़नी है और अभी तक एक भी ऑटो नजर नहीं आ रहा है। अब जाएं भी तो कैसे जाएं। बहुत देर से खड़े हैं। कहीं ट्रेन न छूट जाए। यह कहना था बीएन गोस्वामी का, जो सोमवार को अपनी बेटी के साथ जेल मोड़ के पास एक घंटे से ऑटो और बस के इंतजार में खड़े थे, लेकिन स्ट्राइक के कारण ऑटो नहीं मिल रहा था और सिटी बसों में पैर रखने की भी जगह नहीं थी। सोमवार को यह हालत पूरे शहर की थी। और, यह हालत हुई शहर की लाइफ लाइन माने जानेवाले डीजल ऑटो के नहीं चलने की वजह से। प्रशासन और नगर निगम की कथित बेरुखी के कारण सभी डीजल ऑटो ड्राइवर्स सोमवार से अनिश्चितकालीन स्ट्राइक पर चले गए हैं, इसलिए किसी भी रूट पर डीजल ऑटो नहीं चल रहे हैं।
विरोधी गुट के लोग चला रहे हैं ऑटो
प्रदेश डीजल ऑटो एसोसिएशन से अलग एक और एसोसिएशन है, जो स्ट्राइक के खिलाफ है। स्ट्राइक के बावजूद सोमवार को शहर में जो इक्का-दुक्का डीजल ऑटो नजर आए, वो इसी गुट के लोगों के हैं। पूरे शहर में इनके लोग ही लगभग क्000 डीजल ऑटो चला रहे हैं। हालांकि, बताया जा रहा है कि ये भी मंगलवार से स्ट्राइक पर जा सकते हैं।
लोगों को हुई टेंशन
सिटी के सभी रूट, जिनमें कचहरी से धुर्वा, बरियातू और कांके रोड के साथ रातू रोड इस स्ट्राइक से प्रभावित हुए। किसी भी रूट में एक भी डीजल ऑटो नहीं चला। इसमें जो ऑटो चले, उनमें पैर रखने की भी जगह नहीं थी। वहीं, इस स्ट्राइक में रिक्शावालों की डबल कमाई होती दिखी। सोमवार को सुबह से ही कॉलेज जानेवालों और ऑफिस के साथ अपने काम पर जानेवालों की लाइन सड़कों के किनारे लगी हुई दिखी। कोई भी एक पेट्रोल ऑटो के आते ही थोड़ी सी जगह की आस में लोग दौड़ने लगते थे। स्टैंड में और सड़क के किनारे लोगों को तपिश में सवारी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। जैसे ही एक सिटी बस आ रही थी, लोग उसपर टूट पड़ रहे थे कि किसी तरह लटकने की भी थोड़ी सी जगह मिल जाए। इसमें सबसे ज्यादा परेशानी फैमिली लेकर निकले लोगों को हो रही थी।
नगर निगम के सामने अनशन
एसोसिएशन के प्रेसिडेंट दिनेश सोनी रविवार से अनशन पर हैं। उन्होंने कहा- बिना पानी के यह अनशन तब तक जारी रहेगा, जब तक हमारी डिमांड पूरी नहीं हो जाती। इनके साथ गुलाबी ऑटो की प्रदेश अध्यक्ष आरती बेहरा भी निर्जला अनशन पर रहेंगी।
डीजल ऑटो स्ट्राइक एक नजर में
रांची में डीजल ऑटो की संख्या क्0,000
स्ट्राइक पर गए ऑटो की संख्या 9,000
कितने पैसेंजर हर दिन करते हैं सफर ख् लाख
बाहर से हर दिन आनेवाले पैसेंजर्स संख्या औसतन क्.भ्0 लाख
विरोधी दल के चलनेवाले डीजल ऑटो की संख्या क्,000
ये हैं डीजल ऑटो एसोसिएशन की डिमांड्स
-रांची नगर निगम द्वारा जारी टेंडर को रद्द करके महासंघ को दिया जाए, ताकि कई जगहों पर ऑटो ड्राइवर्स को टोल टैक्स न लगे, बल्कि एक जगह टैक्स लिया जाए।
-सभी रजिस्टर्ड ऑटो को परमिट दिया जाए, वरना सभी ऑटो का परमिट कैंसिल किया जाए, ताकि किसी ऑटो ड्राइवर के साथ भेदभाव नहीं हो।
-ट्रैफिक पुलिस ऑटो ड्राइवर्स से मारपीट बंद करे।
'डोरंडा जाने के लिए ऑटो का घंटों वेट किया। यहां तक कि रिक्शावाले भी तेवर दिखा रहे थे। अब पता नहीं, हम आमलोगों को कब तक यह सब झेलना होगा.'
-जफर
'मैं कचहरी चौक आ गया था कि यहां से तो कोई न कोई सवारी मिल जाएगी। लेकिन, न तो एक भी ऑटो दिखा और न ही किसी सिटी बस में जगह मिली.'
-ओमप्रकाश तिवारी
'फॉर्म भरने के लिए वीमेंस कॉलेज आई थी। कांटाटोली लौटने के लिए काफी इंतजार के बावजूद कोई सवारी गाड़ी नहीं मिली। डीजल ऑटो वालों की स्ट्राइक का खामियाजा हमें भुगतना पड़ रहा है.'
-प्रतिभ्ा कुमारी
'मेरा बीएससी का एग्जाम था। हालांकि, मुझे पता था कि सोमवार से डीजल ऑटोवालों की स्ट्राइक है, लेकिन एग्जाम तो नहीं छोड़ सकते हैं। इस चक्कर में परेशानी तो झेलनी ही पड़ी है.'
-अर्चना
एसोसिएशन ने प्रशासन और रांची नगर निगम पर लगाए ये आरोप
-रांची नगर निगम ने बेवजह सभी स्टैंड का टेंडर निकाला है। इससे डीजल ऑटोवालों को ही परेशानी होगी।
-इससे यह तय नहीं हो पाता है कि डीजल ऑटोवालों से कहां पैसा वसूला जाए।
-ट्रैफिक पुलिस वाले ऑटो ड्राइवर्स से मारपीट करते हैं और बेवजह परमिट के नाम पर परेशान किया जाता है।
रांची नगर निगम के सीईओ मनोज कुमार का जवाब
-रांची नगर निगम ने टेंडर नहीं निकाला, बल्कि बोर्ड की मीटिंग के बाद टेंडर निकालने का डिसीजन लिया गया है। इसे कैंसिल नहीं किया जा सकता है।
-स्टैंड का काम लेने के बाद जगह तय की जाएगी। मनमानी वसूली नहीं होगी।
ट्रैफिक थाना प्रभारी प्रमोद रंजन का जवाब
-ऑटो ड्राइवर्स जो आरोप लगा रहे हैं, वो गलत हैं। मारपीट तो हमारे लोग नहीं करते हैं।
-परमिट के नाम पर सिर्फ जांच की जाती है। जिनका परमिट नहीं है, उनपर कारवाई की जाती है।