रांची (ब्यूरो) । होली आ चुकी है, ऐसे में हर कोई होली की तैयारी में जुटा हुआ है। होली के मौके पर वाइन की काफी डिमांड रहती है, जिसे देखते हुए नकली शराब के कारोबारी भी एक्टिव हो जाते हैं। इस बार भी ऐसा ही देखा जा रहा है। राजधानी रांची में जहां-तहां नकली शराब कारोबारियों ने अपना नेटवर्क फैला रखा है। सिटी से थोड़ा हटकर अवैध शराब कारोबारी किराये पर मकान लेकर नकली शराब तैयार करते हैं। इसकी पैकेजिंग कर मार्केट में उतार देते हैं। गुरुवार को ही नामकुम थाना क्षेत्र के जोरार में उत्पाद विभाग और रांची पुलिस ने भारी मात्रा में नकली शराब बरामद की। वैसे तो सालभर अवैध शराब का कारोबार फलता-फूलता रहता है। लेकिन होली जैसे फेस्टिवल में नकली शराब कारोबारी ज्यादा रेस हो जाते हैं। ब्रांडेड बोतल में लोकल वाइन डालकर उसे महंगे दाम पर बेच कर शराब माफिया मोटा मुनाफा कमाते हैं। लेकिन दूसरी ओर ब्रांडेड दारू समझकर पीने वाले लोगों की सेहत पर खतरा बना रहता है।

सभी पुलिस स्टेशन अलर्ट

रांची में फिर शराब माफिया अवैध रूप से देसी और नकली विदेशी शराब बड़े पैमाने पर तैयार कर रहे हैं। इस संबंध में स्पेशल ब्रांच ने जिले के सभी थानों को सतर्क किया है। साथ ही इन्हें अपने-अपने क्षेत्रों में चल रहे इस अवैध धंधे पर रोक लगाने और इसमें लोगों को गिरफ्तार करने के लिए अभियान चलाने का निर्देश दिया है। जानकारी के मुताबिक, नामकुम के जोरार, जोरार बस्ती, होरहाप, कांके के होचर और एयरपोर्ट के पीछे हेथू में बड़े पैमाने पर देसी-विदेशी नकली शराब बनाई जा रही है। नामकुम के जोरार में पहले भी कई बार कार्रवाई हुई है, फिर भी इस इलाके में यह अवैध धंधा बंद नहीं हो रहा है। दो साल पहले इसी इलाके की नकली शराब पीने से आठ लोगों की मौत हो गई थी।

छापेमारी में धराई नकली शराब

होली को देखते हुए उत्पाद विभाग और संबंधित थाना की पुलिस छापेमारी अभियान चला रहे हैं। कई बार नकली शराब पकड़ी भी जा रही है। पांच दिन पहले कोकर और नामकुम में छापेमारी कर भारी मात्रा में नकली शराब जब्त की गई थी। होली के मौके पर शराब के शौकीनों को बेहद सावधान और सतर्क रहना होगा, क्योंकि होली पर राज्यभर में बड़े पैमाने पर नकली शराब खपाने की तैयारी है। ऐसे में होली में मस्ती जरूर करें। लेकिन, हाथ में शराब उठाने से पहले एक बार देख लें कि शराब असली है या नकली।

शराब नकली, लेवल ब्रांडेड

बताया जा रहा है कि इस बार बड़े पैमाने पर नकली शराब की बोतल पर ब्रांडेड लेवल लगाकर इसे बाजार में उतारने की तैयारी है। जिस ब्रांड के शराब की बाजार में डिमांड होती है उसी ब्रांड की नकली शराब तैयार कर इसे मार्केट में उतार दिया जाता है। ब्रांडेड बोतल में सस्ते लेवल की नकली शराब भरकर बेच दी जाती है। नकली शराब के इस गैरकानूनी कारोबार से जुड़े अपराधी सुनसान इलाकों में किराये पर मकान लेकर वहां बड़े आराम से ब्रांडेड बोतल में नकली शराब की पैकेजिंग करते हैं। ज्यादा वैसे घर को किराये पर लेते हैं जिसका मकान मालिक भी वहां नहीं रहता है। किराया ज्यादा देने पर आसानी से इन लोगों को रूम भी उपलब्ध हो जाता है। कबाड़ी वालों से ब्रांडेड बोतल की खरीदारी कर उसे अच्छी तरह से साफ कर उसमें नकली शराब भरी जाती है। फिर हूबहू असली की तरह इसकी पैकेजिंग की जाती है। पैकेजिंग के सारे उपकरण कारोबारियों के पास मौजूद होते हैं।

जानलेवा है नकली शराब

रांची और आसपास के इलाकों में बनाई जाती है नकली शराब। नकली शराब बनाने के लिए इथाइल, गुड़, शीरा, ईस्ट और यूरिया, अल्कोहल, स्प्रिट, रंग आदि का इस्तेमाल किया जाता है, जो सेहत के लिए काफी नुकसानदेह है। इस शराब को पीने से ब्लीडिंग होती है। कब्ज, उल्टी और गैस की शिकायत होने लगती है। कई बार यह लोगों की जान तक ले लेती है। नकली शराब बनाने वालों के पास एल्कोमीटर भी होता है, जिससे शराब में नशा कितना है, इसका पता चलता है। नकली शराब के कारोबारी इस शराब को शहर के साथ-साथ रूरल एरिया में भी खपाते हैं।

200 रुपए में 2000 की बोतल तैयार

नकली शराब तैयार करने में काफी कम खर्च आता है। अमूमन 150 से 200 रुपए की लागत से तैयार शराब मार्केट में 500 से 2000 रुपए में बिक जाती है। मैकडॉवल्स, ब्लेंडर्स प्राइड, इम्पीरियल ब्लू, रॉयल स्टैग, रॉयल चैलेंज आदि ब्रांडेड शराब के नाम पर नकली शराब बेच दी जाती है। बोतल खरीदने वाले भी नकली और असली में फर्क नहीं कर पाते हैं।