RANCHI: दरवाजे पर हर आहट तीन साल की मासूम खुशनुमा के लिए उम्मीद, तो गेट खुलते ही निराशा लेकर आ रहा है। कई बार तो वह फूट-फूट कर रो पड़ रही है, तब उसे संभालने में अम्मी को घंटों लग जा रहा है। यह मासूम अपने अब्बा डॉ इंतजार अली का राह देख रही है, जो महीने भर से घर नहीं आएं हैं। शुक्रवार को जब पूरे देश में बकरीद की खुशियां मनाई जा रही थीं और कुर्बानी देकर अल्लाह से अपने लिए नेमतें मांगी जा रही थी उस समय भी हिंदपीढ़ी के इस घर में सन्नाटा पसरा हुआ था। मालूम हो कि डॉ इंतजार अली एक महीने से जेल में बंद हैं। ख्0 अगस्त को हटिया-ब‌र्द्धमान पैसेंजर एक्सप्रेस में कीता स्टेशन के पास आईबी ने उन्हें हथियार के साथ गिरफ्तार कर लिया था। हालांकि पुलिस अब तक उन पर लगा आरोप सिद्ध नहीं कर पाई है। वहीं, पड़ोसियों, विभिन्न राजनीतिक व सामजिक संगठन के अलावा उनकी पत्नी भी सीएम से मिल कर डॉ इंतजार अली को बेगुनाह बताते हुए रिहाई की गुहार लगा चुकी है। मामले की जांच सीआईडी कर रही है। ऐसे में आईनेक्स्ट रिपोर्टर ने इंतजार अली की पत्‍‌नी रेशमा खातून से मिलकर जाना कि आखिर उस दिन क्या हुआ था और अब उन लोगों की जिंदगी कैसे कट रही है।

सवाल: ख्0 अगस्त को क्या हुआ था? क्या अपने शौहर से आपकी बातचीत हुई थी?

जवाब: वह सुबह 9.फ्0 बजे झालदा में हेल्थ कैंप के लिए गए थे। मैं दिन में एक-दो बार उनको कॉल की थी, लेकिन वहां पर मोबाइल का नेटवर्क नहीं रहने से उनसे बातचीत नहीं हो पाई। हालांकि शाम भ् बजे उनसे बात हुई थी और वह बोले कि अब रांची के लिए निकल रहा हूं।

सवाल: इसके बाद क्या हुआ था?

जवाब: शाम सवा सात बजे कुछ लोग घर आए और उनका फोटो मांगे। उसके बाद अचानक से पुलिस आई और पूरे घर की छानबीन करने लगी। पूछने पर बताया कि वह कुछ गलत काम में किए हैं। उनके पास से गलत चीजें बरामद हुई हैं। मुझे तो विश्वास ही नहीं हो रहा था।

सवाल: क्या आप मानती हैं आपके पति बेकसूर हैं?

जवाब: वो नेकदिल इंसान हैं। गरीबों की फ्री में सेवा करते हैं कभी न गलत काम किया और न ही करेंगे। पूरा विश्वास है?

सवाल: उसके बाद आपकी उनसे मुलाकात हुई?

जवाब: हां, उन्होंने सारी चीजें बताई जिस सीट पर वह बैठे थे उस पर पहले से कोई सामान रखकर चला गया था। उन्हें फंसाया गया।

सवाल: उनकी किसी से कोई दुश्मनी थी?

जवाब: नहीं कभी नहीं, वह ऐसे इंसान ही नहीं हैं?

सवाल- आपके परिवार में कौन-कौन हैं?

जवाब- बड़ी बेटी रौनकजहां सातवीं क्लास में पढ़ती है। उसके बाद बेटा है तनवीर आलम है वह क्लास-ख् में पढ़ता है और सबसे छोटी बेटी फ् साल की खुशनुमा परवीन है।

सवाल- बच्चे क्या कहते हैं जब वह घर पे नहीं हैं?

जवाब- बड़ी बेटी तो थोड़ी समझदार है लेकिन बेटा और छोटी बेटी उन्हें बहुत याद करते हैं। रोज अपने अब्बा के बारे में पूछते हैं कि वह कहां गए और कब आएंगे। हम लोग उनके बिना अधूरे हैं। वो निर्दोष हैं।

सवाल-आप झारखंड के मुख्यमंत्री से इस मामले को लेकर मिली हैं। उन्होंने क्या आश्वासन दिया?

जवाब- उन्होंने सीआईडी जांच की बात कही है। अगर वह निर्दोष हैं तो जल्द रिहा हो जाएंगे।

सवाल- उनके बिना बकरीद कैसे मनी?

जवाब- जब शौहर ही नहीं साथ तो क्या ईद और क्या बकरीद। बस अल्लाह से यही दुआ है कि वह घर जल्द से जल्द रिहा हो कर आ जाएं।