RANCHI: राज्य के सबसे बड़े हॉस्पिटल रिम्स में नए विभाग शुरू किए जा रहे हैं। मरीजों की संख्या भी बढ़ती जा रही है। इसके बावजूद प्रबंधन हॉस्पिटल एरिया को सुरक्षित नहीं बना पाया है। यही वजह है कि रिम्स अब नशेडि़यों का अड्डा बन गया है। सुपरस्पेशियलिटी कैंपस में शाम ढलते ही टेबल सजने लगती है। वहीं, बेधड़क सिगरेट का धुआं भी उड़ता है। इसके बावजूद न तो इन पर रोक लगाई जा रही है और न ही इन्हें हटाने को लेकर कोई कार्रवाई ही की जा रही है।

गाडि़यों के बोनट पर चखना

हॉस्पिटल की मेन बिल्डिंग से लेकर सुपरस्पेशियलिटी तक प्राइवेट एंबुलेंस वालों ने कब्जा जमा रखा है। मेन बिल्डिंग में तो थोड़ी सख्ती भी बरती जा रही है। लेकिन सुपरस्पेशियलिटी में शाम ढलने के बाद सिक्योरिटी गा‌र्ड्स सो जाते हैं। इसके बाद इन एंबुलेंस वालों का समय शुरू होता है। गाडि़यों के बोनट पर ही चखना सजता है। फिर खड़े-खड़े शराब गटक जा रहे हैं।

शाम में निकलने से लगने लगा है डर

सुपरस्पेशियलिटी कैंपस में शाम में निकलने से भी परिजन डरते हैं। चूंकि वहां पर प्राइवेट एंबुलेंस वाले नशे में धुत रहते हैं। वहीं जहां पर इनकी टेबल सजती है वहां पर गाली-गलौज का भी माहौल बना रहता है। इस वजह से भी लोग हॉस्पिटल से बाहर निकलने में डरते हैं। कई बार ये एंबुलेंस वाले बुकिंग को लेकर भी आपस में भिड़ जाते हैं, जिन्हें रोकने वाला कोई नहीं होता। ऐसे में किसी परिजन के साथ अनहोनी हो जाए तो उसे कोई मदद करने तक नहीं आएगा।

सीएम की सख्ती के बाद सुधरी थी व्यवस्था

पिछले साल सीएम ने हॉस्पिटल की व्यवस्था का जायजा लिया था। इस दौरान उन्होंने पूरे कैंपस को खाली कराने का आदेश दिया था। वहीं प्राइवेट एंबुलेंस वालों को कैंपस से हटाने को कहा था। तब एसएसपी से लेकर पुलिस अधिकारियों ने मोर्चा संभाला और कैंपस को खाली कराया। जगह-जगह पर पुलिस के बंदूकधारी तैनात किए गए ताकि अवैध रूप से गाड़ी वालों को हटाया जा सके। कुछ दिनों बाद स्थिति फिर पहले जैसी हो गई। वहीं प्रबंधन इससे बेखबर बना हुआ है।