रांची (ब्यूरो) । गर्मी जब सताने लगी है तब रांची नगर निगम की नींद खुली है। इसी महीने निगम ने सभी वार्ड में हैंडपंप और मिनी एचवाईडीटी लगाने का निर्णय लिया गया है। इस निर्णय के लगभग 15 दिन बीत जाने के बाद भी निगम की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं की गई है। जबकि वार्ड पार्षदों ने नगर निगम को जल्द से जल्द हैंडपंप और मिनी एचवाईडीटी लगाने की चेतावनी दी है। पार्षदों द्वारा दिया गया अल्टीमेटम भी खत्म हो चुका है। नगर निगम के पार्षदों ने निगम को 25 मार्च से पहले ही काम शुरू कराने को कहा था। ऐसा नहीं होने पर निगम कार्यालय के समक्ष ही धरने पर बैठने की चेतावनी भी दी थी। हालांकि निगम की ओर से अबतक हैंडपंप और मिनी एचवाईडी लगाने की कोई पहल नहीं की गई है। इधर दिनों दिन गर्मी की तपिश बढ़ रही है। मुहल्लों और कॉलोनियों में पानी की समस्या शुरू हो चुकी है। मुहल्लेवासी वाटर टैंकर पर आश्रित हो चुके हैं।

सभी वार्डों के लिए योजना

प्रचंड गर्मी को देखते हुए रांची नगर निगम हर वार्ड में तीन-तीन मिनी एचवाईडीटी लगाएगा। वहीं ड्राई जोन समेत सभी वार्ड में करीब 59 हैंडपंप लगाने की भी योजना है, लेकिन अबतक के प्रयास को देखते हुए ऐसा लग रहा है कि निगम के इस निर्णय को धरातल पर आते-आते यह गर्मी भी बीत जाएगी। हर साल गर्मी के मौसम में राजधानी रांची में पानी के लिए मारा-मारी शुरू हो जाती है। फिर भी नगर निगम पहले से कोई तैयारी नहीं करता है। हर साल गर्मी के मौसम में हैंडपंप और एचवाईडी लगाने के निर्णय लिए जाते हैं, लेकिन काम पूरा होते-होते गर्मी का मौसम ही बीत जाता है। बीते साल अपै्रल महीने में भी हर वार्ड में तीन-तीन मिनी एचवाईडीटी लगाने का निर्णय लिया। दो महीने बाद कुछ वार्ड में काम हुआ, लेकिन ज्यादातर स्थानों पर यह योजना जमीन पर ही नहीं उतर आई। यदि गर्मी से पहले ही सारे इंतजाम कर लिए जाये तो शहर वासियों को पानी के लिए ज्यादा परेशान ही नहीं होना पड़ेगा।

आधे एचवाईडीटी खराब

पहले से भी सभी वार्ड में एचवाईडीटी और मिनी एचवाईडीटी मौजूद है, लेकिन इनमे 50 परसेंट से अधिक खराब पड़े हैं। खराब पड़े एचवाईडीटी की मरम्मत कराने की ओर निगम ने कभी ध्यान ही नहीं दिया। किसी एचवाईडीटी को दुरूस्त किया भी गया है तो वहां सिर्फ खानापूर्ति हुई है। वार्ड संख्या 25, 26, 27, 28, 29, 31, 32 समेत अन्य स्थानों में अधिकतर एचवाईडीटी खराब हैं। वार्ड 26 की पार्षद रश्मि चौधरी और वार्ड 27 के पार्षद ओमप्रकाश ने बताया कि इलाके में पानी की समस्या विकराल रूप लेती जा रही है। सुबह उठते ही लोग पानी की जद्दोजहद में लग जाते हैैं। नगर निगम को कई बार संज्ञान दिलाया गया, लेकिन फिर भी अबतक निगम ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया है। सिर्फ आश्वासन दिया जाता है। मुहल्ले के लोगों को टैंकर के भरोसे छोड़ दिया गया है। निगम से मिली जानकारी के अनुसार निगम क्षेत्र में 174 हाई ड्रिल्ड ट्यूबवेल (एचवाईडीटी) और 347 मिनी एचवाईडीटी हैं। वहीं 2560 हैंडपंप हैं, इनमे 800 से अधिक हैंडपंप खराब पड़े है।

कई काम अब भी है अधूरे

राजधानी के सभी 53 वार्ड में 24 घंटे पानी की सप्लाई के उद्देश्य से जलमीनार बनाने का काम शुरू हुआ था। वहीं रांची के सभी मुहल्ले और गलियों में पाइपलाइन भी बिछाने पर काम चल रहा है। 2018 में शुरू हु़ई यह योजना अब भी अधूरी है। 950 करोड़ की लागत से अमृत योजना के अंतर्गत रांची शहर के नामकुम, कोकर, पुरुलिया रोड, कांटाटोली, महात्मा गांधी रोड, चुटिया, मोरहाबादी के एदलहातू, तुपुदाना और अन्य जगहों में नई ओवरहेड पानी टंकी बनाई जा रही है। अलग-अलग फेज में काम होना है, लेकिन विडंबना है कि फेज 1 का काम ही अबतक पूरा नहीं हुआ है।

नगर निगम की ओर से सभी वार्ड में हैंडपंप और मिनी एचवाईडीटी लगाने का काम जल्द शुरू होगा। इसके अलावा 50 टैंकर की भी खरीदारी की जाएगी। फिलहाल 50 टैंकर से जलापूर्ति की जा रही है।

- कुवंर सिंह पाहन

एएमसी, आरएमसी