रांची(ब्यूरो)। एक अप्रैल से जिन घरों में बिजली 400 यूनिट से अधिक खपत हो रही है, उनको सब्सिडी बंद कर दिया गया है। जिनके घरों में 400 यूनिट तक बिजली की खपत है उनको सब्सिडी मिलेगी। लेकिन बहुत सारे उपभोक्ता इन दिनों परेशान हैं कि उनको बिजली बिल देर से मिला जिसके कारण उनको सब्सिडी का लाभ नहीं मिला, अब अगर विभाग ही देर से बिल भेज रहा है, तो उपभोक्ता कहां से जिम्मेवार हैं। सरकार ने नियम बनाया है कि 30 दिनों के अंदर जिनके बिजली की खपत 400 यूनिट से ज्यादा है उनको सब्सिडी का लाभ नहीं मिलेगा।

एक अप्रैल से है लागू

एक अप्रैल 2022 से यह योजना लागू हो गयी है। इससे अधिक खपत करने वाले उपभोक्ताओं को 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली बिल का भुगतान करना होगा। इधर, बड़ी संख्या में उपभोक्ता शिकायत कर रहे हैं कि उनका बिल 30 दिन के बजाय 40 या 45 दिनों में मिल रहा है। इससे उनकी खपत 400 यूनिट से अधिक दिख रही है, जिससे उन्हें सब्सिडी से वंचित कर दिया गया है और 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिल दिया गया है।

399 यूनिट तक खर्च पर सब्सिडी

झारखंड में 400 यूनिट से अधिक बिजली खपत करने पर उपभोक्ताओं को दी जानेवाली सब्सिडी समाप्त कर दी गयी है। एक अप्रैल 2022 से यह प्रभावी है। एक अप्रैल से 401 या इससे अधिक यूनिट बिजली खपत होती है, तो उपभोक्ताओं को 6.25 रुपये प्रति यूनिट की दर से भुगतान करना होगा। वहीं, 400 यूनिट तक खपत करनेवाले शहरी घरेलू उपभोक्ताओं को 3.50 से लेकर 4.20 रुपये प्रति यूनिट की दर से ही भुगतान करना होगा। अप्रैल में उपभोक्ताओं को इसके अनुसार ही बिजली बिल दिया जा रहा है।

स्टेट में 50 लाख कंज्यूमर्स

झारखंड बिजली वितरण निगम के पास इस समय कुल उपभोक्ता 50 लाख हैं। इनमें 42 लाख घरेलू उपभोक्ता हैं, शेष आठ लाख कॉमर्शियल, औद्योगिक और एचटी उपभोक्ता हैं। वहीं, 42 लाख उपभोक्ताओं में 35 लाख ग्रामीण घरेलू उपभोक्ता हैं। जिनकी औसत या 200 यूनिट से भी कम खपत होती है, सात लाख शहरी उपभोक्ता हैं।