रांची(ब्यूरो)। सीएम हेमंत सोरेन ने इलेक्ट्रिसिटी डिपार्टमेंट अपने पास ही रखा है, इसे किसी अन्य मंत्री को नहीं दिया है। इसके बावजूद ऊर्जा मित्र उनके डिपार्टमेंट पर डंक मार रहे हैं। आलम यह है कि 5000 से ज्यादा शिकायतें ऊर्जा मित्रों की लापरवाही को लेकर की जा चुकी हैं, इसके बावजूद विभागीय अधिकारी इनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर रहे हैं। जबकि बिजली विभाग सीधे आम लोगों से जुड़ा हुआ है, फिर भी ऐसी अनदेखी समझ से परे है।

30 हजार बिल, अफसर बेफिक्र

विभागीय लापरवाही का आलम यह है कि कांके रोड में रहने वाले अमरेंद्र कुमार का बिजली बिल 30 हजार रुपए आ गया है। दो महीने से वह आवेदन लेकर कार्यपालक अभियंता और सहायक अभियंता के यहां दौड़ लगा रहे हैं। लेकिन, उनकी कहीं सुनवाई नहीं हो रही है। हर महीने बढ़ा हुआ बिल आ रहा है। यह परेशानी सिर्फ अमरेन्द्र कुमार की नहीं है, बल्कि रांची में ऐसे कई लोग हैं जिनके घर का बिजली बिल बहुत अधिक आ रहा है, उनकी सुनवाई भी कहीं नहीं हो रही है। बिजली विभाग बड़े बड़े दावे करता है, लेकिन कंज्यूमर्स की परेशानी दूर नहीं कर रहा है।

ऊर्जा मित्र की गलती

बिजली विभाग की लापरवाही का खामियाजा सैकड़ों कंज्यूमर्स भुगत रहे हैं। विभाग की ओर से एजेंसी के जरिए नियुक्त ऊर्जा मित्र ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। कई जगह मीटर की रीडिंग करने नहीं पहुंच रहे हैं, जिससे सही बिजली बिल की जानकारी कंज्यूमर्स को नहीं मिल पा रही है। वहीं कई कंज्यूमर्स के घरों में हाल ही में लंबे गैप के बाद रीडिंग करने पहुंचे और कंज्यूमर्स को हजारों रुपए का बिल थमा दिया। इससे कंज्यूमर्स परेशान हो गए हैं।

रीडर आया नहीं, बिल भेजा 30 हजार

झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड की ओर से ऊर्जा मित्रों की नियुक्ति दो वर्ष पूर्व की गई है। इन ऊर्जा मित्रों की नियुक्ति कंपीटेंस एनर्जी नामक एजेंसी के जरिए की गई है। इन्हें बिजली कंज्यूमर्स के घर-घर जाकर उनके मीटर की रीडिंग करके बिल देने की जिम्मेवारी दी गई है। लेकिन ये ठीक से काम नहीं कर रहे हैं। ऊर्जा मित्रों की पहले भी अलग-अलग एरिया बोर्ड से शिकायतें मिलती रही हैं, जिसमें गलत मीटर रीडिंग देकर बिल कंज्यूमर्स को थमाने की शिकायतें शामिल हैं। ऊर्जा मित्र कंज्यूमर को गलत बिल देकर उन्हें परेशान कर रहे हैं।

बिजली ऑफिस की दौड़

बिजली विभाग की मनमानी, अनाप-शनाप बिल थमाने को लेकरउपभोक्ताओं की भीड़ हर दिन बिजली ऑफि स के सामने नजर आ रही है। लोग अपनी-अपनी शिकायत लेकर आ तो रहे हैं लेकिन उनकी शिकायतों का निपटारा नहीं हो रहा है। मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से कराया जाता है। बिजली बिल में गड़बड़ी का मुख्य कारण हर महीने रेगुलर मीटर रीडिंग नहीं होना है। मीटर रीडर्स की मनमानी के कारण इस तरह की परिस्थिति सामने आ रही है। विभागीय मॉनिटरिंग के अभाव में मीटर रीडर्स की मनमानी जारी है। इसका खामियाजा सामान्य बिजली उपभोक्ताओं को भुगतना पड़ रहा है।

एजेंसी के जिम्मे मीटर रीडिंग

बिजली विभाग मीटर रीडिंग का काम आउटसोर्सिंग के माध्यम से करवाता है। कान्ट्रैक्ट के माध्यम से मीटर रीडिंग व बिल वितरण का काम प्राइवेट एजेंसी को दिया गया है। बिल में गड़बडी का मुख्य कारण हर महीने रेगुलर मीटर रीडिंग नहीं होना है। मीटर रीडर में मनमानी के कारण इस तरह की स्थिति सामने आ रही है। बिल जमा नहीं होने पर कनेक्शन कटने का भी डर उपभोक्ताओं के सामने बना हुआ है। ऐसा होने पर परेशानी और बढ़ जाएगी।

अगर किसी कंज्यूमर का बिल गलता आ गया है तो वह कार्यालय में जाकर आवेदन दे सकता है। जेई से रिपोर्ट लेकर मीटर रीडिंग ठीक करवा लिया जाएगा। लिखित आवेदन देने वालों का काम समय पर पूरा किया जा रहा है।

-प्रभात कुमार श्रीवास्तव, जीएम, रांची एरिया बोर्ड