रांची(ब्यूरो)। राजधानी रांची को 24 घंटे बिजली मिले, इसके लिए झारखंड बिजली वितरण निगम 585 करोड रुपए खर्च करेगा। झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड रांची सर्किल एरिया में 585 करोड़ रुपए खर्च करके बिजली नेटवर्क को दुरुस्त करेगा। रांची सर्कल में रांची ईस्ट, रांची वेस्ट, रांची कैपिटल, कोकर, डोरंडा और खूंटी शामिल हैं। झारखंड बिजली वितरण निगम द्वारा इसकी तैयारी शुरू कर दी गई है। जनवरी से इस पर काम भी शुरू हो जाएगा।

बदलेगा वितरण नेटवर्क

केंद्र सरकार की डिस्ट्रीब्यूशन सर्विस स्कीम के तहत यह काम पूरे राज्य में शुरू किया जाएगा। राज्य भर में इस पर 3600 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। यह काम वितरण नेटवर्क को सुधार कर घाटा कम करने के उद्देश्य से किया जा रहा है। मालूम हो कि झारखंड बिजली वितरण निगम का एटीएंडसी लॉस 33 प्रतिशत है, जो राष्ट्रीय औसत 16.87 प्रतिशत से लगभग डबल है। इस घाटे को कम करने के लिए पूरे राज्य में वितरण नेटवर्क बदलने की तैयारी है।

इंडस्ट्री फीडर अलग होगी

इस योजना के तहत एग्रीकल्चर और इंडस्ट्री फीडर को अलग किया जाएगा। इस पर आम लोगों का लोड नहीं होगा, यह पूरी तरह से एग्रीकल्चर या इंडस्ट्री के लिए ही होगा। वहीं पुराने और जर्जर तार बदले जाएंगे। एबी केबलिंग की जाएगी, पुरानी एचटी लाइन हटाई जाएगी। वहां नई लाइन बिछाई जाएगी। इसके पहले चयनित एजेंसी को पूरे सर्कल एरिया में सर्वे का काम करना होगा।

यह काम किया जाएगा

-लंबे फीडर होने के कारण उपभोक्ताओं के घरों तक बिजली पहुंचाने में वोल्टेज की कमी हो जाती है

-निगम को भी लाइन लॉस का सामना करना पड़ता है

-आरडीएसएक्स स्कीम में लाइन लॉस कम किया जाएगा

-फीडर के नजदीक के सब स्टेशन को जोड़कर छोटा किया जाएगा

-लोड कम करने के लिए नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे

-हाई वोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के तहत तार बदलकर वोल्टेज सही किया जाएगा

-कैपासिटी डीसीबी अब स्विच जैसे उपकरण की कमी को दूर की जाएगी

राज्य भर में 3600 करोड़ होगा खर्च

जेबीवीएनएल का राज्य में सात एरिया बोर्ड है, जिसका विस्तार सभी 24 जिलों है। राज्य में बिजली नेटवर्क का विस्तार करने के लिए भारत सरकार ने आरडीएसएस योजना के तहत 3600 करोड़ रुपए की योजना मंजूर की है। इस योजना से निगम अपना घाटा कम करने के लिए संशाधनों का विकास कर सकेगा और तकनीक का उपयोग करते हुए नियंत्रण प्रणाली को मजूबत बनाएगा। गांव से शहर तक बिजली का बेहतर नेटवर्क स्थापित करके गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। हर घर बिजली पहुंचाने के बाद जेबीवीएनएल के पास गुणवत्तापूर्ण आपूर्ति एक चुनौती बनी हुई है। इस योजना के तहत नए फ डर, अंडर ग्राउंड केबल, एबी केबल, ट्रांसफ ार्मर, उपभोक्ताओं के घर स्मार्ट प्री-पेड मीटर आदि के क्षेत्र में बड़े स्तर पर काम होगा।

5395 नए ट्रांसफ ॉर्मर लगेंगे

इस योजना के तहत लंबे फीडर छोटे किए जाएंगे। फीडर लंबे होने के कारण वोल्टेज उतार-चढ़ाव की समस्या रहती है। लाइन लॉस भी होता है। लाइन लॉस 15 प्रतिशत तक लाने के लिए लंबे फीडर को छोटे किए जाएंगे। ओवर लोडिंग कम करने के लिए 5395 नए ट्रांसफॉर्मर लगाए जाएंगे। इसी प्रकार 2200 सर्किट किमी फीडर के लिए तार लगाए जाएंगे।

स्मार्ट मीटर भी लगाए जाएंगे

इस योजना के तहत रांची सहित 24 जिलों में 13.41 लाख स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। बिजली आपूर्ति के लिए 72 फीडर बनेंगे। योजना के तहत 24 जिलों में 13.41 लाख स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाए जाएंगे। हर जिले का अलग लक्ष्य निर्धारित किया गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए 72 नए कृषि फीडर बनाए जाएंगे।