रांची (ब्यूरो) । होली की मस्ती के बीच बर्ड फ्लू ने दस्तक दे दी है। राजधानी रांची में भी इसे लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। रांची में बर्ड फ्लू की पुष्टि होने के बाद इसकी रोकथाम के लिए प्रशासन ने एक्शन प्लान लागू कर दिया है। इसके लिए 7 रैपिड रिस्पांस टीम का गठन किया गया है। यह टीम कुक्कुटों की कलिंग, वैज्ञानिक विधि से निस्तारण एवं इसके बाद संक्रमित क्षेत्र का वैज्ञानिक विधि से संपूर्ण क्लीनिंग एंड डिसइन्फेक्शन का कार्य करेगी। फिलहाल जेल मोड़ के एक किमी रेडियस को संक्रमित क्षेत्र घोषित किया गया है। इस एरिया में चिकन और अंडे की बिक्री पर रोक लगा दी गई है। इसके बावजूद दुकानदार अलर्ट नहीं हैं। कह रहे हैं कि होली में चिकन नहीं बेचेंगे तो कब बेचेंगे।

अफेक्टेड व सर्विलांस जोन

मुर्गियों में बर्ड फ्लू (एच5एन1) की पुष्टि होने के बाद प्रशासन ने पोल्ट्री फार्म के एक किलोमीटर के दायरे को अफेक्टेड जोन और 10 किलोमीटर के दायरे को सर्विलांस जोन घोषित कर दिया है। इन इलाकों में मुर्गा और बत्तखों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। वहीं, जेल के 10 किमी रेडियस क्षेत्र में रहने वाले लोगों से भी चिकन या अंडा नहीं खरीदने की अपील की गई है।

खुले में बिक रहा चिकन

इसके बावजूद मुर्गी बिक्रेता मानने को तैयार नहीं है। वे दुकान लगा रहे हैं और मुर्गी की बिक्री भी कर रहे हैं। हालांकि, दुकानों पर खरीदारों की संख्या जरूर कम हो गई हैै। प्रतिबंध के बाद भी खुलेआम बिना किसी सावधानी के चिकन बेचा जा रहा है। रांची के विभिन्न इलाकों में रविवार को भी बड़े आराम से चिकन की खरीद-बिक्री हुई। डिस्टिलरी पुल के समीप लगने वाले बाजार में पूरे दिन चिकन बिकता रहा। दो बार लालपुर थाने की पुलिस ने जाकर मुर्गा नहीं बेचने और दुकान बंद करने को कहा, लेकिन दुकानदारों ने उनकी नहीं सुनी। दुकानदारों ने कहा कि त्योहार का समय है अभी चिकन नहीं बेचेंगे तो कब बेचेंगे। सिर्फ लालपुर ही नहीं, पिस्का मोड़, रातू रोड, डोरंडा, हिनू समेत अन्य इलाकों में भी चिकन की बिक्री हो रही है।

सिटी में सैकड़ों दुकानें

शहर में मांस-मछली की सैकड़ों दुकानें हैं। लेकिन 90 परसेंट दुकानदारों के पास इसका लाइसेंस नहीं है। बावजूद शहर में खुलेआम मांस की बिक्री होती है। कई स्थानों पर नियमों की अनदेखी कर खुलेआम सड़कों पर मांस बेचा जाता है। मांस को बिना ढके इसकी बिक्री की जाती है। जिन पर मक्खियां भिनभिनाती रहती हैं। हैरानी की बात तो यह है कि चिकन-मटन की जांच के लिए सरकार के पास कोई मैकेनिज्म ही नहीं है। इन दुकानों तक कभी जांच की कोई टीम भी नहीं पहुंचती। बिना किसी मानक को पूरा किए दुकानदार चिकन-मटन बेच रहे हैं और जिम्मेवार आंखें बंद किए हुए हैं।

सिर्फ कागजी आदेश

प्रशासन का ध्यान इन दुकानों और सप्लायर्स पर नहीं है। प्रशासन की ओर से सिर्फ बिक्री पर रोक संबंधी कागजी आदेश जारी कर दिया गया है, बिक्री बंद कराने की कार्रवाई नहीं की जा रही है। लोग कह रहे हैं कि अगर ऐसे ही बर्ड फ्लू की अनदेखी होती रही तो संक्रमण का दायरा बढ़ सकता है। सिर्फ जेल मोड के आस-पास के इलाकों को छोड़ दें तो रांची के अन्य इलाकों में मुर्गे की बिक्री पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है। यहां तक कि होटल और फास्ट फूड के ठेलों पर भी खूब चिकन फ्राई, चिकन चिली, चिकन पराठा व अन्य सामग्री बेचे जा रहे है।

इंसानों में भी फैल सकता है वायरस

सिविल सर्जन डॉ। विनोद कुमार ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बर्ड फ्लू या एवियन फ्लू ए-टाइप का इंफ्लुएंजा वायरस है। यह इंसानों के साथ-साथ जानवरों को भी संक्रमित कर सकता है। जब कोई इंसान किसी संक्रमित पक्षी से सीधे तौर पर संपर्क में आता है तो उसे भी बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का खतरा बढ़ जाता है। डॉक्टर ने बताया कि अबतक इंसानों के बर्ड फ्लू से संक्रमित होने का मामला सामने नहीं आया है। बर्ड फ्लू का सबसे खतरनाक वायरस एच5एन1 होता है। अगर वायरस हवा में मौजूद है तो वहां सांस लेने से भी कोई व्यक्ति बर्ड फ्लू से संक्रमित हो सकता है। इसके अलावा आंख, नाक या मुंह के जरिए भी वायरस शरीर में जा सकता है। इतना ही नहीं, अगर कोई व्यक्ति किसी संक्रमित जगह को छूता है, तो उससे भी वायरस फैलने का खतरा बढ़ जाता है। हमें इसपर सावधानी बरतने की जरूरत है।

मांस-मछली ब्रिकी के मानक

- वेटनरी डॉक्टर्स से प्रमाणित पशु-पक्षी का मांस ही बिकेगा।

-साफ-सुथरे स्लाटर हाउस में ही पशु-पक्षी के मांस की प्रोसेसिंग (काटकर तैयार करना) की जाएगी।

-साफ-सुथरे काउंटर में ड्रेसकोड से सुसज्जित व्यक्ति ही मांस बेचेगा।

-हाइजीन व साफ-सफाई का मांस बिक्री में खास ध्यान रखा जाएगा।

-मांस बेचने के लिए लाइसेंस जरूरी है

क्या कहते हैं एक्सपट्र्स

बर्ड फ्लू या एवियन इंफ्लुएंजा एक विषाणु जनित संक्रामक रोग है। यह विषाणु जिसे एवियन इंफ्लुएंजा ए या टाइप ए विषाणु कहते हैं। आमतौर पर यह पक्षियों में पाया जाता है,

लेकिन कभी-कभी मानव सहित अन्य कई स्तनधारियों को भी संक्रमित कर सकता है।

-डॉ। उमेश लाल, वेटनरी डॉक्टर

अब तक इंसानों में बर्ड फ्लू होने का मामला सामने नहीं आया है। लेकिन इसे लेकर सतर्कता बरतना जरूरी है। कुछ दिनों के लिए चिकन से दूरी बनानी बेहतर है। शरीर मे किसी तरह की समस्या होने पर फौरन नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। सर्दी, जुकाम, खांसी, गले में खरास, मांस-पेशियों में सूजन एवं दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं।

-डॉ विनोद कुमार, सिविल सर्जन