रांची (ब्यूरो) । बोकुल फुल बोकुल, फुल प्राणों सोखी रेआलोकेर एई झरना धाराईआदि बांग्ला गीत से प्लाजा सिनेमा हाल मैदान शनिवार को गूंजता रहा। अवसर था, पोएला बैसाख और यूनियन क्लब एंड लाइब्रेरी द्वारा आयोजित दो दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रम का। क्लब के 158 वर्ष पूरे होने पर बांग्लाभाषियों का उत्साह देखते ही बना। कार्यक्रम की शुरुआत संध्या सात बजे क्लब के पदाधिकारियों द्वारा बांग्ला नव वर्ष गीत एशो हे बैसाख एशो एशो की प्रस्तुति से हुई।

बढ़ती गई रौनक

जैसे-जैसे शाम ढलती गई कार्यक्रम की रौनक बढ़ती गई। सुरमई शाम में कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से सबको झूमने पर विवश कर दिया। रवींद्र संगीत ,लोक संगीत, आधुनिक संगीत के संगम में श्रोता डूबकी लगाते रहे। रात 10 बजे तक नृत्य-संगीत चलता रहा। एक के बाद एक 120 कलाकारों ने समूह गीत-नृत्य पेश किए।

कई आकर्षक प्रस्तुति

तृषा तानिया एंड ग्रुप ने अमर भिटोरे बहिरे गीत पर नृत्य कर खूब तालियां बटोरीं। इसके बाद रुपादे एंड ग्रुप ने लावणी पूर्णिमापर सबको झुमाया। इसके बाद सुमेधा एंड ग्रुप ने समूह नृत्य पेश किया। इसके अलावा यूनियन क्लब एंड लाइब्रेरी, जवाहरलाल नेहरू कला केंद्र, बोंगीयो सांस्कृतिक परिषद, देशप्रिय क्लब एंड लाइब्रेरी, बिहान, अपरूपा चौधरी एंड ग्रुप, मजलिस और वैतालिक ग्रुप के द्वारा समूह प्रस्तुति दी गई।

मनुष्य बनाने की पाठशाला है आश्रम

शंख ध्वनि व दीप प्रज्जवलन के बीच भारत सेवा आश्रम के संन्यासी स्वामी भूतेशानंद ने कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन किया। क्लब के झंडे का ध्वजारोहण किया गया। स्वामी भूतेशानंद ने कहा कि आश्रम च्ें ब'चों में संस्कार भरा जाता है। आचम ब'चों में मनुष्यता उत्पन्न करने की पाठशाला है। पढ़ाई-लिखाई के चद ब'चे देश व समाज के लिए कार्य करते हैं। बड़े-बड़े पदों पर आसीन होकर खुद तो आगे बढ़ते ही हैं देश को आगे ले जाते हैं। इस दौरान क्लब के उपाध्यक्ष एस चौधरी, गौतम भट्टाचार्य, सचिव सेतांक सेन, सह सचिव भास्कर गुप्त, कोषाध्यक्ष राम चटर्जी ने स्वामी भूतेशानंद को पुच्प गु'छ, अंग वस्त्र और स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया।

इन कलाकारों ने दी प्रस्तुति

सुदिप्ता चौधरी, डा पंपा सेन विश्वास, पारोमिता चौधरी, नीता भट्टाचार्य पिकलू नंदी, अंजलि चक्रवर्ती, कृष्णा सेनगुप्ता, चंद्र बोस, चैताली सरकार, रूमा चटर्जी, मौसमी मलिक, सुमिता सेन गुप्ता, राजनंदिनी, नंदी आदि।

इनकी रही अहम भूमिका

पोएला बैसाख के आयोजन को सफल बनाने में क्लब के सदस्यों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। मुख्य रूप से अभिजीत भट्टाचार्य, विश्वजीत भट्टाचार्य, सुष्मिता बोस, सुरोजित माझी, तरुण कुंडू, विश्वजीत नंदी, अमित घोष, अमिताभ मलिक, कौशिक भट्टाचार्य, डा शुभ चटर्जी, रजनी सेन, डा शिप्रा भट्टाचार्य पोली की महत्वपूर्ण भूमिका रही।

गीत-संगीत के बीच मेले का लुत्फ

आयोजन स्थल पर भव्य मेला लगा है। इसमें 40 स्टाल लगाये गए हैं। कपड़ा, सौंदर्य प्रसाधन, खान-पान आदि के कई आकर्षक वस्तुओं की पूरी रेंज उपलब्ध है। खासकर मेला में बांग्ला रिवाज के अनुरूप साड़ी की पूरी रेंज उपलब्ध है। खाने-पीने के भी आधा दर्जन स्टाल लगाये गए हैं। कार्यक्रम में आये श्रोता गीत-संगीत के साथ मेला का भी लुत्फ उठाया।