रांची (ब्यूरो) । आईआईएम में पढ़ रहा था शिवम। वह एमबीए इन बिजनेस एनालिटिक्स में सेकेंड ईयर का स्टूडेंट था। जल्द ही उसका प्लेसमेंट भी होना था, लेकिन सारा सपना धरा का धरा रह गया। अचानक शिवम पांडेय की डेड बॉडी मिलती हैै। यह मामला तीन महीने पहले जनवरी का है। लेकिन पुलिस अबतक इस मामले को सुलझा नहीं पाई है।

हत्या-आत्महत्या में उलझी

यह हत्या थी या आत्महत्या इसी के फेर में पुलिस फंसी हुई है। शिवम के पिताजी का कहना है कि जिस अवस्था में डेड बॉडी मिली है उससे साफ जाहिर होता है कि यह सुसाइड नहीं है। एक पिता अपने बच्चे को अ'छे से जानता है। शिवम कैसा ब'चा था, उसके बिहेवियर से लेकर सबकुछ उसके पिता अखिलेश्वर पांडेय अच्छी तरह जानते हैं। उनका कहना है कि शिवम एक हंसमुख बच्चा था। वह सुसाइड कर ही नहीं सकता है। इसे आत्माहत्या की शक्ल दी जा रही है।

अबतक नहीं मिली रिपोर्ट

किसी भी रहस्यमय मौत के बाद जो चीज सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण होती है वह है बिसरा रिपोर्ट। अमूमन एक से डेढ़ महीने में बिसरा रिपोर्ट आ जाती है, लेकिन शिवम मामले में अबतक बिसरा रिपोर्ट भी नहीं आई है। उसके पिता लगातार बिसरा रिपोर्ट की मांग करते हैैं, लेकिन थाने की ओर से हर बार टाल दिया जा रहा है।

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट भी क्लियर नहीं

शिवम के पिता ने बताया कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से भी यह स्पष्ट हुआ है कि यह सुसाइड नहीं है। गले में रस्सी के तीन निशान थे, जबकि सुसाइड में सिर्फ एक ही निशान रहता है। इसके अलावा पतली रस्सी का प्रयोग किया गया है, जिससे आत्महत्या करना मुश्किल है। वहीं बिसरा रिपोर्ट में चीजें और स्पष्ट रूप से सामने आ पाती, लेकिन पुलिस वालों की लेटलतीफी के कारण रिपोर्ट नहीं मिल पा रही है।

22 लाख का पैकेज मिला था शिवम को

शिवम के पिता ने बताया कि उनका बेटा काफी होनहार था। कम उम्र में ही उसने काफी कुछ अचीव कर लिया था। बतौर फ्रेशर ही उसे आदित्य बिरला ग्रुप में 22 लाख रुपए के पैकेज में सेलेक्शन हुआ था। सेमेस्टर खत्म होते ही वह ज्वाइन करने वाला था। बहुत कम लोगों को यह ऑफर मिलता है। इसके बाद इस तरह का डिसीजन समझ से परे है। अखिलेश्वर पांडेय ने आईआईएम प्रबंधन पर भी सवाल उठाए है। उन्होंने बताया कि आईआईएम की भूमिका भी संदेहास्पद नजर आती है। पुलिस के आने से पहले ही कमरे को खोल दिया गया था। पुलिस को हर एंगल से पंड़ताल करनी चाहिए।

क्या हुआ था 16 जनवरी को

आईआईएम रांची के हॉस्टल में 16 जनवरी की देर रात मैनेजमेंट फाइनल ईयर का छात्र शिवम पांडेय का शव फंदे से लटकता मिला था। वह हॉस्टल के पांचवें तल्ले पर कमरा नंबर 505 में रहता था, जहां रस्सी के सहारे घुटने के बल उसकी बॉडी लटकती मिली थी। शिवम के दोनों हाथ भी रस्सी से बंधे हुए थे, जिसे देखते हुए शिवम के पिताजी इसे सुसाइड मानने से इन्कार कर रहे हंै। हालांकि पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है, लेकिन अबतक पुलिस कुछ खास खुलासा नहीं कर सकी है। यह घटना भी एक मिस्ट्री बन कर रह गई है। इस मामले पर आईआईएम मैनेजमेंट का कहना है कि यह एक सुसाइड है। संस्थान के अधिकारियों ने पंखे से लटका शव देखने के बाद पुलिस और शिवम के परिवार को सूचित किया था।

पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी गठित की गई है। डीएसपी प्रवीण सिंह के नेतृत्व में मामले की जांच हो रही है। जल्द ही इसका खुलासा कर लिया जाएगा।

नौशाद आलम, रूरल एसपी