रांची(ब्यूरो)। सिटी में आज भी सड़क दुर्घटना एक गंभीर समस्या बनी हुई है। सड़क दुर्घटनाओं की वजह अलग-अलग हो सकती हैं लेकिन इसमें नुकसान सिर्फ जान-माल का ही होता है। कोई दुर्घटना में जिंदगी भर के लिए अपाहिज हो जाता है तो कोई जिंदगी से ही हाथ धो बैठता है। रोड एक्सीडेंट की एक बड़ी वजह रैश ड्राइविंग भी है। खासकर यूथ रैश ड्राइविंग करते हैं। सड़क पर हाई स्पीड में गाड़ी चलाते हैं लहरिया कट भी निकालते हैं। ऐसे में खुद की जान तो जोखिम में डालते ही हैं, साथ ही सामने वाला शख्स जो संभलकर ड्राइविंग कर रहा होता है उसे भी मुसीबत में डाल देते हैं। ऐसे लोगों को अवेयर करने के लिए हर साल 11 जनवरी से सड़क सुरक्षा सप्ताह मनाया जाता है। राजधानी रांची में भी गुरुवार से रोड सेफ्टी वीक शुरू हो रहा है जो 17 जनवरी तक चलाया जाएगा। इस दौरान जिला प्रशासन अलग-अलग एजेंसियों की मदद से लोगों को रोड एक्सीडेंट के प्रति अवेयर करेंगा। जागरूकता रथ रवाना किया जा चुका है।
हर साल सैकड़ों मौत
राजधानी रांची में प्रत्येक महीने औसतन 40 से 50 रोड एक्सीडेंट हो रहे हैं, जिसमें 60 फीसदी घटनाओं में वाहन चालक या दुर्घटना में किसी न किसी की जान चली ही जाती है। बीते साले करीब 760 सड़क दुर्घटनाएं हुई हैं, जिसमें 520 से अधिक लोगों की जान चली गई। साल दर साल सड़क हादसे कम होने के बजाय और बढ़ते ही जा रहे हैं। 2022 में 450 और 2021 में 448 लोगों ने सड़क दुर्घटनाओं में अपनी जान गंवाई। सड़क हादसों की फेहरिस्त कम होने का नाम नहीं ले रही है। वहीं, इन हादसों में हताहत होने वालों में सबसे ज्यादा संख्या युवाओं की हैं जो कहीं न कहीं तेज रफ्तार की चाहत में मौत के मुंह में जा रहे हैं। हादसों पर लगाम लगाने को लेकर जहां शहरों में तमाम कोशिशें की जा रही हैं, वहीं ग्रामीण इलाकों में इसे लेकर न तो जागरूकता दिख रही है, और न ही सख्ती। इस कारण ज्यादातर सड़क हादसे रांची के बाहरी क्षेत्रों में ही हो रहे हैं।
16-30 एजग्रुप वाले युवा शिकार
सड़क हादसों में सबसे ज्यादा 16 से 30 वर्ष के युवा शिकार हो जाते हैं। अगर पिछले सिर्फ दो महीनों के ही सड़क हादसों का ग्राफ देखा जाए तो नवंबर और दिसंबर में रांची में 95 सड़क हादसे हुए हैं। जिसमें 44 लोगों की जान चली गई। इससे ये बात साफ होती है कि सड़क हादसों पर नकेल कसने को लेकर अभी काफी कुछ करना बाकी है। दरअसल जो कार्य रोड सेफ्टी के लिए किए जाते हैं वो काफी नहीं हैं। कहीं न कहीं इसमें और भी सख्ती के साथ कार्य करने की जरूरत है, और तभी हादसों की संख्या में कमी हो सकती है।
किस वाहन से कितने हादसे, कितनी मौत
वाहन हादसे मौत
टू व्हीलर 38 फीसदी 44 फीसदी
ऑटो 04 फीसदी 04 फीसदी
कार, जीप, टैक्सी 18 फीसदी 15 फीसदी
बस 02 फीसदी 01 फीसदी
ट्रक 14 फीसदी 12 फिसदी

सेफ्टी व बिना हेलमेट पर हादसे
सेफ्टी मौत घायल
हेलमेट पहनने के बाद 14 फीसदी 15 फीसदी
हेलमेट नहीं पहनने पर 46 फीसदी 22 फीसदी
सीट बेल्ट लगाने के बाद 13 फीसदी 14 फीसदी
सीट बेल्ट नहीं लगाने पर 40 फीसदी 35 फीसदी
सड़क हादसों की वजह
सड़क हादसे की कोई एक वजह नहीं है। इसके पीछे कई कारण हैं। लेकिन सबसे ज्यादा लापरवाही से और रैश ड्राइविंग करना ही रोड एक्सीडेंट की वजह में प्रमुख माना जाता है। राजधानी और आस-पास के इलाकों में जो भी सड़क हादसे हुए हैं उनमें करीब 80 फीसदी में रैश ड्राइविंग के कारण सड़क दुर्घटना हुई है। वहीं इसमें सड़क भी मुख्य भूमिका निभाती है। कई बार पीसीसी सड़क में अचानक कहीं गड्ढा आ जाता है जिससे वाहन चालक अनबैलेंस्ड होकर दुर्घटना का शिकार हो जाता है। खराब सड़क के कारण दर्जनों लोग सड़क हादसे में काल के गाल में समा चुके हैं। ड्रंक एंड ड्राइव से भी रोड एक्सीडेंट हुए हैं। शराब के नशे में बेतरतीब तरीके से ड्राइविंग करते हुए कई लोगों ने दुर्घटना को निमंत्रण दिया है। युवा पीढ़ी हेलमेट नहीं पहनना चाहती। स्कूल कॉलेज से लेकर तमाम जगहों पर युवा बिना हेलमेट के ड्र्राइविंग करते नजर आते हैं। हादसों में ज्यादातर वैसे ही लोग गंभीर रूप से चोटिल हुए हैं या फिर जान गंवाया है, जिन्होंने सुरक्षा नहीं अपनाया था।
रोड सेफ्टी वीक में होंगे ये काम
सड़क सुरक्षा सप्ताह के दौरान जिला प्रशासन की ओर से विभिन्न एक्टिविटीज कराई जाएंगी। ये एक्टिविटीज राष्ट्रीय सेवा योजना, नेहरू युवा केन्द्र, ट्रैफिक पुलिस एवं ट्रांसपोर्ट डिपार्टमेंट के सहयोग से होंगी। पूरे राज्य में ड्राइव चलाया जाएगा।

ये होंगी एक्टिविटीज
-पहले दिन कचहरी चौक स्थित यातायात पुलिस उपाधीक्षक कार्यालय परिसर से अवेयरनेस ड्राइव को लेकर प्रभात फेरी निकाली जाएगी।
-11 से 17 जानवरी तक एनएसएस के प्रशिक्षित स्वयंसेवकों प्रमुख चौक-चौराहों पर यातायात पुलिस के साथ जागरूकता अभियान चलाएंगे।
-12 जनवरी को यातायात जागरूकता विषय पर संगोष्ठी एवं नुक्कड़- नाटक का मंचन आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में किया जाएगा।
-13 जनवरी को विभिन्न कॉलेज में सड़क सुरक्षा को लेकर भाषण, पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा।
-14 जनवरी को नुक्कड़ नाटक एवं सड़क सुरक्षा को लेकर आम जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
-15 जनवरी को आरयू के आईएलएस के सभागार में सड़क सुरक्षा को लेकर युवा संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जिसमे 300 से ज्यादा युवा शामिल होंगे।
-16 जनवरी को सड़क सुरक्षा विभाग की तरफ से टॉल प्लाजा पर नेत्र जांच अभियान चलाया जाएगा।
-17 जनवरी को सड़क सुरक्षा सप्ताह का समापन समारोह आरयू के आर्यभट्ट ऑडिटोरियम में आयोजित किया जाएगा एवं महाविद्यालय स्तर पर भाषण, पेंटिंग एवं क्विज प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागियों प्रमाण पत्र एवं स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया जाएगा।