--आय से 1.46 करोड़ रुपए अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई कोर्ट का फैसला
--पत्नी और भाई को भी 5 साल की जेल और 50 हजार जुर्माना, तीनों भेजे गए जेल
रांची : आय से अधिक संपत्ति के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने झारखंड के पूर्व मंत्री हरिनारायण राय को पांच साल कैद की सजा सुनाई है। उनके साथ उनकी पत्नी और भाई को भी अदालत ने 5-5 साल की सजा सुनाई है। अदालत ने 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। हरिनारायण राय कोड़ा कैबिनेट के पहले मंत्री हैं जिन्हें सजा सुनाई गई है। अभी कोड़ा सहित अन्य मंत्रियों के खिलाफ मामले चल रहे हैं। सजा दो साल से ज्यादा की है लिहाजा वे अब चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इस मामले में ही आरोपी हरिनारायण राय की पत्नी सुशीला देवी और भाई संजय कुमार को भी पांच साल के कारावास और 50 हजार रुपए के आर्थिक दंड की सजा सुनाई गई है। सजा के बाद सभी को बिरसा केंद्रीय कारा भेज दिया गया। तीनों आरोपियों द्वारा 50 हजार जुर्माना की राशि नहीं देने पर सजा में छह माह की और बढ़ोतरी हो जाएगी। सजा विशेष न्यायाधीश बीके तिवारी ने सुनाई। बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता विद्युत चौरसिया ने कोर्ट के समक्ष अपनी बातें रखीं। सीबीआई ने चार्जशीट में राय के पास 1,46,25,354 रुपए आय से अधिक संपत्ति बताई थी, जो राय के वैध स्रोत से अर्जित संपत्ति से 94 परसेंट ज्यादा थी।
ढाई साल काट चुके हैं जेल
इस मामले में हरिनारायण राय 17 अगस्त 2009 को बिरसा कारा केंद्रीय कारा रांची में न्यायिक हिरासत में भेजे गए थे। ढाई वर्ष बाद वे जमानत पर बाहर आए थे। इसलिए इन्हें ढाई साल की सजा और भुगतनी होगी। जबकि इनकी पत्नी सुशीला देवी को चार साल 11 माह की सजा और भाई को चार साल छह माह की सजा भुगतनी होगी।
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2005 में चुनाव आयोग में दाखिल संपत्ति
40 हजार रुपए नकद
05 हजार रुपए बैंक में जमा
1.25 लाख की एलआईसी
50 हजार रुपए पत्नी के गहने
5.5 एकड़ खेती लायक जमीन
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कहां कितनी मिली संपत्ति
--23 लाख का तालाब पैतृक घर सोनारायढ़ाड़ी में
--09 प्लॉट देवघर में भाई और रिश्तेदार के नाम
--53 लाख और 10 लाख का देवघर में घर
--1.5 करोड़ का घर रांची में
- पत्नी और भाई के नाम से कंस्ट्रक्शन कंपनी
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2009
निगरानी में आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज
17 अगस्त 2009
हरिनारायण राय ने कोर्ट में सरेंडर किया
04 अगस्त 2010
हाईकोर्ट ने निगरानी में दर्ज मामले को सीबीआई को सौंपा
16 जनवरी 2012
सीबीआई ने जांच के बाद चार्जशीट दाखिल की
02 दिसंबर 2016
सीबीआई कोर्ट में सुनवाई हुई थी पूरी
14 दिसंबर 2016
सुनवाई पूरी होने के बाद सजा सुनाई गई
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--अब कभी इलेक्शन नहीं लड़ पाएंगे हरिनारायण राय
--देवघर के हैं रहनेवाले, 2005 में जरमुंडी विस से जीते थे।
--2009 में भी हरिनारायण राय फिर जरमुंडी से ही चुनाव जीते थे।
--अपने बयान में पूर्व मंत्री ने सभी आरोपों को खारिज किया था
--सीबीआई ने 88 से अधिक गवाहों को कोर्ट में पेश किया
--पूर्व मंत्री कमलेश सिंह, एनोस और भानु का मामला कोर्ट में
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सीबीआइ एसपी एसके खरे ने बताया कि मामले के अनुसंधानकर्ता इओयू रांची शाखा के एएसपी अशेष कुमार थे। इन्हें जांच में डीएसपी डी मुर्मू और इंस्पेक्टर अजिम राजा ने भी सहयोग किया। जबकि सीबीआइ की ओर से अदालत में केस को अंजाम तक पीपी एसके यादव ने पहुंचाया।
30 अगस्त 2016
बीके तिवारी की अदालत में हरिनारायण, पत्नी व भाई का बयान दर्ज