HAZARIBAGH: बिहार के महराजगंज के पूर्व सांसद और राजद के बाहुबली नेता प्रभुनाथ सिंह को हजारीबाग कोर्ट ने मशरख विधायक अशोक सिंह हत्याकांड में दोषी पाया है। पूर्व सांसद समेत उनके सहयोगी दीनानाथ सिंह व रितेश सिंह को अब ख्फ् मई को सजा सुनाई जाएगी। अपर जिला न्यायाधीश सुरेंद्र शर्मा की अदालत ने गुरुवार को यह निर्णय दिया है। इस मामले में प्रभुनाथ सिंह के भाई व विधायक केदार सिंह को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अशोक सिंह की हत्या के ख्ख् साल बाद यह फैसला आया है। विधायक अशोक सिंह की हत्या तीन जुलाई क्99भ् में पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र में बम मारकर कर दी गई थी।

मृतक की पत्नी के आवेदन पर हजारीबाग शिफ्ट हुआ था केस

अशोक सिंह की पत्नी चांदनी देवी के आवेदन पर पटना हाईकोर्ट के आदेश पर क्997 में हजारीबाग कोर्ट में केस ट्रांसफर किया गया था। अपने आवेदन में चांदनी देवी ने कोर्ट से आग्रह किया था कि राजनीतिक हस्तक्षेप की वजह से उन्हें न्याय की उम्मीद कम है। इसके बाद ही कोर्ट ने आदेश सुनाते हुए केस को हजारीबाग ट्रांसफर कर दिया था। क्ब् दिन पूर्व ही कोर्ट की बहस पूरी हुई थी, जिसमें क्8 मई को कोर्ट ने फैसला सुनाने की तारीख दी थी।

ख्फ् को तय होंगे सजा के ¨बदु :

कोर्ट ने ख्फ् मई को सजा के ¨बदु और सजा सुनाने की तिथि तय की है। हालांकि, उनके वकीलों को कोर्ट के फैसले की कॉपी उपलब्ध नहीं हो सकी है। बताया जा रहा है कि कोर्ट ने ब्0 पेज का फैसला सुनाया है। इसमें गवाहों का आधार ही फैसले की वजह बना है, जिसमें घटना के दौरान हत्या करने वालों को अपनी गाड़ी में लेकर भगाने का आरोप था।

प्रभुनाथ सिंह ने किया सरेंडर

फैसला आने के बाद कोर्ट में प्रभुनाथ सिंह थोड़े विचलित नजर आए। हालांकि बिना कोई प्रतिक्रिया दिए काफी शालीनता से उन्होंने कोर्ट में आत्मसमर्पण कर दिया। कोर्ट में उनकी ओर से पटना हाईकोर्ट के वरीय अधिवक्ता ¨वध्याचल सिंह के अलावा हजारीबाग कोर्ट के अधिवक्ता विजय कुमार सिंह दलील पेश कर रहे थे। इससे पूर्व प्रभुनाथ पूरे लाव-लश्कर के साथ सुबह 8 बजे ही कोर्ट पहुंच गए थे। इसके बाद वे कोर्ट में इंतजार करते रहे। काफी देर तक पेड़ की छांव में वे खड़े दिखे। करीब क्0 बजे कोर्ट बैठी और क्क्.फ्0 का समय दिया गया। इस दौरान प्रभुनाथ कोर्ट के अंदर ही मौजूद रहे। करीब क्क्.फ्0 बजे कोर्ट ने उन्हें दोषी करार दिया। दोषी करार दिए जाने तुरंत बाद उन्हें कोर्ट के आदेश पर पुलिस हिरासत में लिया गया। जहां से उन्हें उनके सहयोगियों के साथ जेपी कारा में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। जेल ले जाने तक सहयोगी क्0 गाडि़यों के काफिले के साथ उनके पीछे-पीछे चल रहे थे।