रांची (ब्यूरो)। डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए सरकार हर तरह के प्रयास कर रही है। लोगों को जागरूक कर रही है। इसके लिए करोड़ों रुपए खर्च किया जा रहा है। लेकिन, झारखंड के परिवहन विभाग में डिजिटल पेमेंट के नाम पर एक्स्ट्रा पैसे वसूले जा रहे हैैं। राज्य भर के सभी परिवहन विभाग के कार्यालयों में लोगों को अनिवार्य डिजिटल पेमेंट के कारण ट्रांजैक्शन चार्ज के रूप में अधिक पैसे भरने पड़ रहे हैैं। डिजिटल पेमेंट के कारण लोगों पर आर्थिक बोझ बढ़ गया है। स्थिति यह है कि डीटीओ कार्यालय में ई-पॉस मशीन से भुगतान करने पर बैंक ट्रांजैक्शन के नाम पर एक्स्ट्रा पैसा वसूला जा रहा है। इसको लेकर डीटीओ कार्यालय में भी लोगों ने अपना विरोध दर्ज कराया है, लेकिन विभाग की नीति का हवाला दिया जा रहा है।

करीब 60 लाख अधिक भुगतान

राज्य भर के सभी 24 जिला परिवहन कार्यालयों में बैंक ट्रांजैक्शन के नाम पर करीब 60 लाख रुपए अधिक चार्ज वसूला जा रहा है। लोग परिवहन विभाग से जुड़े हुए कई सारे काम ऑनलाइन करते हैं, तो उनको अधिक पैसा नहीं देना पड़ता है। लेकिन, कार्यालय में जाकर फीस जमा करने के लिए ई पॉस मशीन से ही पेमेंट की बाध्यता है। लोगों को कार्यालय में जाकर फीस देना भी मजबूरी है, इसलिए उन्हें ई-पॉस मशीन का इस्तेमाल करना पड़ता है। इससे लोगों को भारी-भरकम एक्स्ट्रा चार्ज देना पड़ रहा है।

मजबूरी में मशीन से भुगतान

परिवहन कार्यालय में लोगों को मजबूरी में ही ई-पॉस मशीन से भुगतान करना पड़ता है। आरटीजीएस के माध्यम से भुगतान करने पर पेमेंट कंफर्म होने पर परिवहन कार्यालय में आगे का काम होता है। इसमें 2 से 3 दिन का समय लग जाता है। लोगों की मजबूरी होती है कि वह कार्यालय जाकर ई-पॉस मशीन से भुगतान करें। हालत यह है कि लोगों को परिवहन विभाग का काम कराने के लिए पहले ही अधिक समय लगने लगा है। अब इस पेमेंट मशीन के चक्कर में अगर वह दूसरे माध्यम से पेमेंट करते हैं तो उनको और अधिक समय लगेगा। इसलिए समय बचाने के लिए लोग अधिक पैसा दे रहे हैं।

20000 में 440 एक्स्ट्रा चार्ज

परिवहन विभाग के कार्यालय मेंं किसी भी ट्रांजैक्शन के नाम पर जीएसटी मिलाकर 2.2 प्रतिशत एमडीआर चार्ज वसूला जाता है। उदाहरण के लिए यदि पोस मशीन में एटीएम के माध्यम से भुगतान करना है तो 20000 पर 440 रुपए एक्स्ट्रा पैसे देने होते हैैं। लोग भी अपना काम जल्दी कराने के लिए एक्स्ट्रा चार्ज परिवहन विभाग को देखकर आ जाते हैं।

तो नहीं लगेगा पैसा

परिवहन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि यदि परिवहन विभाग इसमें आगे बढ़ता है और बैंकों के साथ बात करता है तो हो सकता है कि यह एक्स्ट्रा चार्ज लोगों को नहीं देना पड़े। क्योंकि सरकारी विभागों में डिजिटल ट्रांजैक्शन को बढ़ावा देने पर जोर है और सरकारी बैंक की ई-पॉस मशीन से सरकारी कार्यालय में काम के लिए एक्स्ट्रा पैसा नहीं वसूला जाना चाहिए।

हर बैंक के अपने नियम

टै्रफिक चालान जमा करने के लिए लोगों को अलग से कोई पैसा नहीं देना पड़ता है। लेकिन, फीस कटाने के लिए अलग से पैसा देना पड़ता है। इसके बारे में बैंक के एक अधिकारी ने बताया कि पीओएस मशीन से भुगतान करने पर कोई चार्ज नहीं लगता है। लेकिन हर बैंक के अपने कुछ नियम होते हैं। कोई ट्रांजैक्शन पर चार्ज लेता है तो कोई नहीं। ट्रांजैक्शन चार्ज भी कितना होगा, वह बैंक प्रबंधन तय करता है।

कार्यालय में आकर फीस कटाने के लिए एमडीआर चार्ज के रूप में बैंकों द्वारा जो पैसा वसूला जा रहा है, उसके बारे में विभाग को पत्र लिखा जाएगा। विभाग के आदेश के बाद इस पर कोई कार्रवाई की जाएगी।

प्रवीण प्रकाश, जिला परिवहन पदाधिकारी, रांची