- घर पर ही ब्लीडिंग के दौरान लगवा सकेंगे फैक्टर

- हॉस्पिटल पहुंचने में देरी से बिगड़ जाती है स्थिति

RANCHI : हीमोफीलिया के मरीजों की इंटरनल ब्लीडिंग होने पर उन्हें तत्काल फैक्टर लगाया जाता है, ताकि उन्हें ज्यादा परेशानी न झेलनी पड़ी। वहीं देर होने पर मरीजों की स्थिति खराब हो जाती है। ऐसे ही मरीजों को राहत देने के लिए भेल ने सीएसआर के तहत हीमोफीलिया फेडरेशन ऑफ इंडिया के साथ मिलकर मरीजों को मदद पहुंचाने के लिए पहल की है। हीमोफीलिया से ग्रसित मरीजों को फैक्टर दिए गए, जिससे ब्लीडिंग होने पर वे लोग घर पर ही फैक्टर लगवा सकेंगे। ये बातें रिम्स में आयोजित 'हीमोफीलिया : हील ए सोल-3' कार्यक्रम में डॉ गोविंद जी सहाय ने कही। मौके पर भेल की एचआर डीजीएम दुर्रे शाहवर, रथीन सरकार डीजीएम पतरातू, मनीष कुमार, डीएम भेल संजीव अरोड़ा, डॉ एचपी नारायण, रिम्स की डीन व प्रभारी डायरेक्टर मंजू गाड़ी मौजूद थे।

फ्रीज में स्टोरेज की दी गई सलाह

फैक्टर बांटने के दौरान मरीजों और उनके परिजनों को गाइडलाइंस भी दी गई। साथ ही बताया गया कि वे फैक्टर को फ्रीज में स्टोर करके रखें। इससे फैक्टर की क्वालिटी मेंटेन रहेगी। कार्यक्रम में 25 मरीजों को तीन-तीन हजार फैक्टर मुफ्त में दिए गए। इसकी कीमत मार्केट में लाखों रुपए है। इस फैक्टर का इस्तेमाल वे लोग इमरजेंसी में करेंगे। इसके बाद इलाज के लिए अपने नजदीकी हॉस्पिटल में जाने तक का समय मिल जाएगा।