रांची (ब्यूरो): रांची यूनिवर्सिटी रांची के यूजीसी एचआरडीसी में दो से 29 अगस्त तक आयोजित &संकाय प्रेरण कार्यक्रम&य में शनिवार को डॉ विंध्यवासिनी नंदन पांडे ने &आधुनिकता के आईने में गुरु दक्षता : अर्थ एवं उपाय&य विषय पर व्याख्यान दिया। उन्होंने बताया कि शिक्षक के लिए यह जरूरी है कि वह निष्ठा के साथ अपना कार्य करे। कक्षा के प्रति शिक्षक को हमेशा उत्साही रहना चाहिए। शिक्षक के लिए यह ध्यान रखना अति आवश्यक है की मंद से मंद विद्यार्थी का भी उत्थान हो।

अच्छा श्रोता होना जरूरी

फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम में रांची वीमेंस कॉलेज की डॉ ममता केरकेट्टा ने भी व्याख्यान दिया। उनका विषय था &उच्च शिक्षा में शिक्षकों की भूमिका एवं दायित्व&य उन्होंने प्रतिभागियों को बताया कि एक अच्छा शिक्षक होने के लिए एक अच्छा श्रोता होना जरूरी है। एक बेहतर प्राध्यापक होने के लिए हमें लगातार ज्ञान अर्जित करने की तथा अर्जित ज्ञान को छात्रों तक पहुंचाने की कोशिश करनी चाहिए।

पर्यावरण संरक्षण जरूरी

संकाय प्रेरण कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के विनी शांगा शासकीय महिला महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक मोरजुम लोई ने भी &पर्यावरण चेतना और सतत विकास लक्ष्य&य पर व्याख्यान दिया। कहा कि सतत विकास का अर्थ है ऐसा विकास जो अपनी जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ आने वाली पीढ़ी के लिए भी बचाएं। हमें अपने पर्यावरण को संरक्षित करने की आवश्यकता है।

अधिनियमों की जानकारी दी

सीसीएल की सेवानिवृत्त अधिकारी डॉ किरण ने फैकल्टी इंडक्शन प्रोग्राम के अंतिम सत्र में पर्यावरण संरक्षण के विभिन्न अधिनियमों की जानकारी दी। उन्होंने विभिन्न पर्यावरण आंदोलनों के बारे में भी प्रतिभागियों को जानकारी दी और कहा पर्यावरण के प्रति बुद्धिजीवियों का दायित्व और भी अधिक महत्वपूर्ण हो जाता है। एक शिक्षक चाहे तो अपने विद्यार्थियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण को समृद्ध कर सकता है। संकाय प्रेरण कार्यक्रम की पाठ्यक्रम समन्वयक डॉ प्रज्ञा गुप्ता ने सभी वक्ताओं का स्वागत किया।