रांची (ब्यूरो): कम समय में और कम खर्च में कागजात बनाने का सपना दिखाकर आम लोगों को झांसे में फांस लेते हैं। तो वहीं कुछ लोग जान-बूझकर नकली पेपर बनाने वालों से संपर्क करते हैं। कई बार स्कूलों में दिया जाने वाला बर्थ सर्टिफिकेट भी डुप्लीकेट पाया गया है। फर्जी काम के लिए राजधानी रांची का कचहरी फेवरिट स्थान माना जाता है। यहां मौजूद दलाल हर तरह के गलत काम को बड़ी आसानी से कर लेते हैं। इसके अलावा कुछ सीएससी सेंटर वाले भी इस प्रकार के काम को अंजाम दे रहे हैं। बीते दिनों रांची पुलिस ने फर्जी दस्तावेज बनाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया। गिरफ्तार युवकों ने पुलिस के सामने नकली पेपर बनाने का आरोप स्वीकार भी कर लिया है। वहीं, छानबीन के बाद दर्जनभर फर्जी आधार कार्ड, पहचान पत्र और बैंकों के पासबुक बरामद किए गए हैं।

फर्जी पेपर से बैंक में ठगी

फर्जी पेपर बनाने वाले शख्स बैंक से ठगी करने के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं। हाल के दिनों में ऐसी कई शिकायतें सामने आई हैं, जिसमें बैंक की ओर से इस तरह के मामले दर्ज कराए गए हैं। फर्जी दस्तावेज के आधार पर लोग बैंक से लोन ले लेते हैं, लेकिन जब बैंक के प्रतिनिधि आवेदक के पते पर पहुंचते हैं तो उन्हें वहां कोई नहीं मिलता। बीते दिनों गिरफ्तार हुए युवकों के मामले में भी इसी बात का खुलासा हुआ है। यह गिरोह फर्जी आधार कार्ड और पहचान बनाकर अलग-अलग बैंकों में नकली आधार कार्ड और पहचान पत्र से ही खाते खुलवा लेता था। खाते खोलकर और उसी के आधार पर लोन लेकर बैंकों से ठगी करता था। मामले की जानकारी जब बैंक अधिकारियों द्वारा पुलिस को दी गई, तब इस गिरोह के पीछे पुलिस ने अपनी दबिश दी, जिसमें पुलिस को सफलता हाथ लगी है।

हूबहू डुप्लीकेट दस्तावेज

फर्जी कागजात बनाने वाले क्रिमिनल काफी सावधानी से काम को अंजाम देते हैं। कागजातों पर संबंधित विभागों के नकली स्टीकर, मुहर आदि लगाकर इस कदर तैयार किया जाता है कि कागजात बिल्कुल असली दिखें। आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड के असली और नकली में पहचान कर पाना भी काफी मुश्किल हो जाता है। यह हूबहू असली कागजात की तरह नजर आता है। पहले भी फर्जी कागजात बनाने वाले पुलिस के हाथ चढ़ते रहे हैं। लेकिन जब पुलिस प्रशासन सुस्त पड़ता फ्राड एक्टिव हो जाते हैं। कुछ दिन पहले ही कचहरी में छापेमारी की गई थी, जिसमें कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। लेकिन कार्रवाई धीमी पड़ते ही यहां फिर से दो नंबर के काम शुरू हो गए हैं।

जरूरतमंद बन रहे शिकार

ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना हो, आधार कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, बर्थ सर्टिफिकेट की अर्जेंट जरूरत वाले लोगों को फ्रॉड अपना शिकार बनाते हैं। स्कूलों मेें नामांकन के समय फर्जी जन्म प्रमाण बनाने के मामले बढ़ जाते हैं। आरोपियों का निशाना अधिकतर वे लोग होते है जिन्हें दस्तावेजों की जल्दी जरूरत होती है। या फिर ग्रामीणों को झांसे में लेकर उन्हें फर्जी पेपर बनाकर सौंप देते हैं। कम समय और खर्च भी कम होने के लालच में फंस कर ग्रामीण आसानी से झांसे मेें फंस जाते हैं।

ऐसे लोगों पर पुलिस की नजर है, जिस स्थान पर फर्जी दस्तावेज बनते हैं, वहां पुलिस जांच कर रही है। फर्जी काम करने वाले कुछ लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है।

-किशोर कौशल, एसएसपी, रांची