RANCHI: दोस्त की दगाबाजी का एक मामला सामने आया है। जमशेदपुर निवासी उपेंद्र कुमार ने पांच लाख रुपए लोन लेकर दो बसें खरीदी थीं, जिसे चलाने के लिए दोस्त राकेश को दिया था। लेकिन, राकेश ने दोनों बसें बेच डालीं। मामले का खुलासा उस वक्त हुआ, जब बैंक की ओर से बस खरीदार उपेंद्र को नोटिस आ गया और उन्हें किश्त भरने का निर्देश दिया गया। आनन-फानन में बस ओनर उपेंद्र ने राकेश को फोन किया तो उसने बताया कि दोनों बसें बेच डाली है। आनन-फानन में उपेंद्र जमशेदपुर से दौड़े-दौड़े रांची पहुंचे और लोअर बाजार थाना में श्किायत दर्ज कराना चाहा, लेकिन पुलिस ने जमशेदपुर का मामला बताते हुए वहीं केस दर्ज करने की सलाह दी।

क्या है मामला

विक्टिम बस ओनर उपेंद्र कुमार ने बताया कि उसने ज्योति और गरीब रथ नामक दो बसों को वर्ष 2014 में बैंक से फाइनांस कराया था। इसके बाद उपेंद्र कुमार ने अपने दोस्त राकेश कुमार को बस चलाने के लिए दे दिया। उपेंद्र ने उनसे केवल पांच हजार रुपए की मांग की थी। कुछ दिनों तक तो राकेश ने पैसे दिए। लेकिन बाद में पैसे देना बंद कर दिया और बस को बिना कागजात के ही बिहारशरीफ में बेच डाला