रांची (ब्यूरो) । माहेश्वरी समाज द्वारा 1981 से मारवाड़ी समाज के खास पर्व गणगौर की शुरूआत की। इस परंपरा को राजस्थानी परंपरा की पुरानी विरासत को संजोए हुए गणगौर पूजा की सार्वजनिक व्यवस्था गणेश नारायण साबू चौक, सेवा सदन पथ श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में शुरू की गई। गणगौर पूजा मारवाड़ी समाज का प्रमुख लोक पर्व है, जो होलिका दहन के दूसरे दिन से 16 दिनों तक चलने वाला यह पर्व मूलत: कुवांरी लड़कियों व सुहागन महिलाओं का त्योहार है।

किया गया विसर्जन

शुक्रवार को श्री लक्ष्मीनारायण मंदिर परिसर में सुबह 6.00 बजे से शुरू हुई। गणगौर पूजा दोपहर 2.00 बजे तक अनवरत चलती रही। गणगौर मिलान एवं विसर्जन के लिए दोपहर 3.00 बजे से मारवाड़ी समाज की महिलाओं के आने का सिलसिला शुरू हुआ जो शाम 6.00 बजे तक जारी रहा। मंदिर परिसर में गणगौर मिलान एवं बड़ा तालाब में गणगौर विसर्जन घाट की व्यवस्था माहेश्वरी समाज के तीनों संगठन (श्री माहेश्वरी सभा, माहेश्वरी महिला समिति, माहेश्वरी युवा संगठन) के सहयोग से सुचारू रूप से चला। माहेश्वरी भवन में लगाये गए गणगौर मेला में गणगौर विसर्जन करने आई महिलाओं ने रात्रि 8.00 बजे तक मेला में बने लजीज व्यंजन का आनंद लिया। कार्यक्रम के निवत्र्तमान अध्यक्ष और मुख्य संयोजक शिव शंकर साबू ने यह जानकारी दी।

इनकी रही भूमिका

इस महोत्सव को सफल बनाने में प्रकाश काबरा, ओमप्रकाश बोड़ा, राजेन्द्र बिड़ला, शारदा लड्डा, कुमुद लाखोटिया, विकास काबरा, अंकित बियानी, लक्ष्मी चितलांगिया, नयन बोड़ा, राधव सारडा, सभा अध्यक्ष किशन साबू, गोवर्धन प्रसाद भाला, दीपक मारु, प्रभात साबू एवं समाज के तीनों संगठनों की महती भूमिका रही। इसके अलावा कार्यक्रम में प्रदेश माहेश्वरी सभा के अध्यक्ष भी सभी कार्यक्रमों में उपस्थित रहे।