रांची(ब्यूरो। अगर आप घर या अपार्टमेंट बना रहे हैं और आपको बालू की जरूरत है तो इसके लिए ब्लैक में बालू खरीदने की जरूरत नहीं है। झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (जेएसएमडीसी) द्वारा जरूरतमंद लोगों को सरकारी दर पर बालू देने की तैयारी की गई है। मालूम हो कि सरकार ने अभी तक बालू घाटों की नीलामी नहीं की है, जिसके कारण दलालों द्वारा अवैध रूप से ऊंचे दाम पर लोगों को बालू बेचा जा रहा है। ऐसे में अब सरकार ने जरूरतमंद लोगों से सीधे संपर्क करके उन्हें बालू खरीदने का मौका उपलब्ध कराएगी।

जितनी जरूरत, उतना ले सकेंगे

अस्थाई व्यवस्था के तहत झारखंड स्टेट मिनरल डेवलपमेंट कॉरपोरेशन द्वारा 31 मार्च तक बालू की बिक्री करने के लिए निर्धारित दर पर बालू खरीदने वाले लोगों से मांगपत्र मांगा गया है। उपभोक्ता जिनको बालू की जरूरत है वो मांगपत्र के साथ बालू की जरूरत से संबंधित कागज भी उपलब्ध कराएंगे। साथ ही खरीदारों को निबंधन स्वीकृत होना चाहिए।

बाजार में बालू की बिक्री नहीं

अगर कोई घाट से बालू की अधिकतम खरीदारी करेंगे तो उनको प्राथमिकता भी दी जाएगी। आवेदन के साथ उन्हें यह शपथ पत्र भी देना होगा कि वो बालू की बिक्री नहीं करेंगे, बल्कि अपनी जरूरत के लिए खरीदेंगे। 21 फरवरी से 28 फरवरी तक झारखंड राज्य खनिज विकास निगम लिमिटेड के बालू प्रकोष्ठ मुख्यालय रांची में कार्यालय अवधि के दौरान आवेदन जमा करेंगे। उपभोक्ता द्वारा संपूर्ण बालू का उठाव 31 मार्च तक नहीं किया जाता है तो उस स्थिति में उन्हें तय मात्रा के अनुरूप संपूर्ण राशि का भुगतान करना होगा। जितना बालू अलॉट कराया जाएगा 31 जून तक उठा लेंगे, अन्यथा भुगतान राशि वापस नहीं होगी।

ब्लैक में बिक रहा बालू

रांची के बालू घाटों की निविदा नहीं हुई है। रांची में पिछले साल मई में दर 12 हजार से 14 हजार रुपए प्रति हाइवा थी, अभी 17 हजार रुपए तक पहुंच गई है।

क्या है सरकारी दर

झारखंड सरकार द्वारा बालू की निर्धारित दर 750 रुपये प्रति 100 सीएफटी है। यानी एक सौ सीएफटी की दर 750 रुपए है। लेकिन रांची सहित झारखंड में सभी जगहों पर इस दर से बालू की ब्रिकी नहीं हो रही है।

एजेंट भी लेते हैं पैसा

बालू की कालाबाजारी न हो, इसके लिए सरकार ने डीलरों को स्टॉक लाइसेंस दिया था पर बिचौलियों की वजह से बालू की दर बढऩे लगी है। बताया गया कि आमतौर पर लोग अपने मोहल्ले के एजेंट के माध्यम से बालू खरीदते हैं। इन एजेंट्स का प्रति ट्रक बालू पर कमीशन 500 रुपए होता है। पिछले साल राजधानी में बालू माफिया के खिलाफ कार्रवाई करते हुए खनन विभाग ने शहर के विभिन्न इलाकों से 11 हाइवा जब्त किया था। रांची में विभिन्न नदी घाटों पर अवैध रूप से बालू खनन का धंधा जारी है। एनजीटी की रोक के बाद भी सभी वाहन स्टॉक वार्ड से चालान द्वारा ही संचालित हो सकते थे, परंतु बिना माइनिंग परिवहन चालान के बालू का अवैध परिवहन करने के जुर्म में वाहनों को पकड़ा गया था।