रांची (ब्यूरो)। रांची नगर निगम के डिप्टीमेयर संजीव विजयवर्गीय ने झारखंड सरकार की ओर से बढ़े हुए दर से सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स वसूली को तुगलकी फरमान बताया है। उन्होंने कहा है कि नया नियम लागू होने से सिटी के आवासीय भवनों का टैक्स 15-25 परसेंट बढऩे की आशंका है। कोरोना काल के बाद से अभी भी रांची शहर की आम जनता अपनी आर्थिक स्थिति सुधारने के लिए जूझ रही है। सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स लिए जाने से रांची शहर के लगभग 2 लाख लोग प्रभावित होंगे। झारखण्ड सरकार के द्वारा इस तुगलकी फरमान जारी करने की वजह से वैसे स्थानीय नागरिक जो कोरोना काल में हुई क्षति से आज भी उबरने के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं। इस अति विकट समय में झारखंड सरकार द्वारा सर्किल रेट के आधार पर होल्डिंग टैक्स में बढ़ोतरी की गई है, जिससे रांची शहर की आम जनता को काफी परेशानी हो सकती है।
फैसले पर विचार करे सरकार
इधर, व्यावसायिक भवनों का टैक्स डेढ़ से चार गुणा तक बढ़ाने से लघु सूक्ष्म उद्योग से जुड़े सभी व्यावसायिक भाइयों पर टैक्स का भार बढऩे से इनकी आर्थिक स्थिति पर काफी असर पड़ेगा। एक ओर जहाँ शहर के इंफ्रास्ट्रक्चर से रांची शहर की आम जनता परेशान है, वहीं दूसरी ओर साफ-सफाई की व्यवस्था पहले जैसी नहीं है, अगर इस स्थिति में जनता को हम बेहतर सेवा नहीं दे पा रहे हैं, वहां टैक्स की बढ़ोतरी करना कहीं न कही रांची शहर की आम जनता के लिए अव्यावहारिक है। झारखंड सरकार इस विषय पर पुनर्विचार कर इस तुगलकी फरमान पर रोक लगाए, जिससे कि कोरोना काल से उबर रहे रांचीवासियों को इस विषम परिस्थिति में आर्थिक बोझ का सामना करना ना पड़े।