RANCHI : नवजात शिशुओं की खरीद बिक्री तथा गर्भवती महिलाओं के शोषण जैसे घृणित कार्यो में लगी स्वयंसेवी संस्थाओं को चिन्हित कर उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करने का आदेश मुख्यमंत्री रघुवर दास ने दिया है। उन्होंने ऐसी संस्थाओं को चिह्नित करने की जवाबदेही राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को सौंपी है। आयोग से 15 अगस्त तक जांच रिपोर्ट तलब की गई है। हाल के दिनों में ऐसी घटनाओं में मिशनरीज ऑफ चैरिटी से संबद्ध एक संस्था निर्मल हृदय की संलिप्तता उजागर होने के बाद मुख्यमंत्री ने मंगलवार को आयोग के साथ-साथ संबंधित विभागों की संयुक्त बैठक बुलाई। उन्होंने दो टूक कहा कि अनैतिक कायरें में लिप्त चाहे कोई भी संस्था हो, उसके विरूद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए।

बिना गारंटी का लोन

झारखंड राज्य अल्पसंख्यक आयोग के क्रियाकलापों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने अल्पसंख्यक बेरोजगारों को बिना गारंटी लोन मुहैया कराए जाने का आदेश दिया। उन्होंने यह कार्य आयोग की अनुशंसा पर अल्पसंख्यक वित्त निगम के माध्यम से कराने की बात कही। इसी कड़ी में उन्होंने महिलाओं को स्वयं सहायता समूहों से जोड़कर स्वावलंबी बनाने तथा अल्पसंख्यकों की समस्याओं के निराकरण के लिए हेल्पलाइन शुरू करने को कहा।

हुनरमंद बच्चों की बनेगी लिस्ट

सीएम ने इसी तरह हुनरमंद बच्चों की जिलावार सूची तैयार करने तथा उनका कौशल विकास इस हदतक करने की नसीहत दी कि उनकी मांग देश में ही नहीं, विदेशों में भी हो। उन्होंने कहा कि मदरसों से भी इंजीनियर और डॉक्टर निकलें, इस बाबत वहां कम्प्यूटर, गणित, साइंस आदि की भी पढ़ाई की व्यवस्था की जाए। उन्होंने आलिम और फाजि़ल की डिग्री को विश्वविद्यालय के साथ जोड़ने के लिए शिक्षा विभाग के साथ बैठक करने का निर्देश जहां अधिकारियों को दिया, वहीं आठवीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में करने पर जोर दिया।

दिव्यांगों के लिए हर प्रमंडल में मॉडल स्कूल

मुख्यमंत्री ने दिव्यांगों के शिक्षण एवं कौशल विकास के लिए सभी प्रमंडलीय मुख्यालयों में आदर्श विद्यालय खोलने का निर्देश अफसरों को दिया। साथ ही हाथ-पैर से पूरी तरह से लाचार दिव्यांगों की सहायता के लिए जयपुर की तर्ज पर रांची में कृत्रिम हाथ-पांव बनाने का बड़ा केंद्र खोलने का प्रस्ताव तैयार करने की बात कही।

मेंटली डिस्टर्ब वालों के लिए शेल्टर होम

इसी कड़ी में उन्होंनेमानसिक रूप से विक्षिप्त महिला और पुरुषों के लिए रिनपास में सेल्टर होम बनाने का सुझाव दिया। उन्होंने अफसरों को झारखंड मंत्रालय तथा नेपाल हाउस के प्रवेशद्वार पर एक हेल्पर के साथ व्हील चेयर की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।