रांची (ब्यूरो)। रांची सहित राज्यभर में ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाने वाली 42 से अधिक एजेंसियों ने सरकार से करार की शर्तों का उल्लंघन किया है। इन एजेंसियों ने सरकार से सब्सिडी ले ली, लेकिन सालाना देखभाल के ठेके को नजरंदाज कर दिया। नतीजा यह हुआ कि सैकड़ों की संख्या में सोलर रूफटॉप पावर प्लांट या तो बंद हो गए या फिर बंदी की कगार पर पहुंच गए हैैं। विभिन्न कंपनियों की इस अंधेरगर्दी के कारण अब झारखंड रिनुवल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी (जरेडा) ने सभी को तीन दिनों के भीतर अपना पक्ष रखने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर इन एजेंसियों को ब्लैक लिस्ट करते हुए उनके खिलाफ मुकद्मा दर्ज किया जाएगा।

2017 में लगा प्लांट

जरेडा की ओर से 2017 में रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाने का काम शुरू कर दिया गया था। रांची सहित राच्य के हर जिले में यह पावर प्लांट लगा है। लेकिन, डोमेस्टिक हाउसहोल्ड में यह प्लांट कम लगे हैैं। कॉमर्शियल बिल्डिंग प्राइवेट संस्थानों में यह अधिक संख्या में लगे हैैं। जिस कंपनी ने भी इन्हें इंस्टॉल किया है, उसे हर साल एक बार मेनटेनेंस करना है। यानी 5 साल तक उसको मेनटेनेंस करते रहना है, लेकिन कई कंपनियों ने एक से दो बार ही मेनटेनेंस किया है और अब उनका कोई अता-पता नहीं है।

रांची सहित हर जिले में प्लांट

रूफटॉप ग्रिड कनेक्टेड सोलर पावर प्लांट रांची सहित राच्य के अन्य जिले जमशेदपुर, धनबाद, बोकारो में भी लगाया गया है। कई अस्पताल और स्कूल में भी यह पावर प्लांट लगे हैं। जहां प्लांट लगे हैैं, वहां के लोगों ने जरेडा से शिकायत की है कि कंपनी ने पावर प्लांट लगा दिया, अब उसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं है। लोगों की शिकायत पर जरेडा ने कार्रवाई करना शुरू किया है।

करोड़ों रुपए सब्सिडी में मिले

रेजिडेंशियल और कमर्शियल दोनों भवनों में ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाया है। कंपनियों ने ओनर से 60 परसेंट राशि ली, जबकि 40 परसेंट सब्सिडी की रकम जरेडा की ओर से कंपनियों को मिली। कंपनी ने जरेडा से सब्सिडी की राशि ले भी ले ली। लेकिन, एग्रीमेंट के तहत उनको जो सीएमसी करना था, वह नहीं कर पाए। बस उन्होंने सब्सिडी का पैसा लिया और निकल लिए।

2017 में कंपनियों ने ग्रिड कनेक्टेड रूफटॉप सोलर पावर प्लांट लगाया है। उन्हें पांच साल तक मेनटेनेंस करना था, लेकिन कंपनियों ने मेनटेनेंस नहीं किया। उनको 3 दिन के अंदर जवाब देने को कहा गया है। जो जवाब नहीं देंगे, उन पर कार्रवाई भी की जाएगी।

केके वर्मा, निदेशक, जरेडा, रांची