RANCHI:सिटी में बालू के अवैध डिपो खुलेआम चल रहे हैं। इन्हें ना तो कोई रोकने वाला है ना ही कोई टोकने वाला, लोकल पुलिस मैनेज है और खनन विभाग के साथ जिला प्रसासन के कोआर्डिनेशन की कमी है। जबकि नगर निगम के अधिकारी मैनेज होकर मौन धारण कर चुके हैं, जिसका फायदा बालू माफिया धड़ल्ले से उठा रहे हैं। रिहायशी इलाके में बालू का अवैध भंडारण कर माफिया तो करोड़ों का खेल कर रहे हैं लेकिन इन इलाकों में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी हो रही है। इस संबंध में लोगों ने एकजुट होकर कई बार अधिकारियों से शिकायत भी की है, लेकिन विभाग के ठेला-ठेली के बीच इन शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।

सड़क किनारे बालू का भंडार

बालू का अवैध तरीके से भंडारण करने वालों ने सड़क के ठीक किनारे ही भंडार खड़ा कर दिया है। दिनभर हाइवा से लेकर ट्रैक्टर तक में लोडिंग -अनलोडिंग चलती रहती है और पूरे इलाके में धूल के गुब्बार उड़ते रहते हैं। सड़क पर बालू फैला रहता है, जिसके कारण दुर्घटनाएं होती हैं।

इन प्रमुख इलाकों में लोग परेशान

शहर के बरियातू रोड स्थित डीआईजी ग्राउंड, मोरहाबादी टैगोर हिल से आगे चिरौंदी, कोकर से रिम्स की सड़क के किनारे, चेशायर होम रोड, मधुकम, खलखो चौक, चेशायर होम रोड, मदन होटल के पीछे, रानी मैदान समेत कई इलाको में बालू का डिपो बना दिया गया है। इन डिपो के कारण स्थानीय लोगों को खासी परेशानी हो रही है। लोगों का कहना है कि अगर यह डिपो वैध हैं तो इन्हें रिहायशी इलाके में भंडारण की अनुमति कैसे मिल सकती है। वैसे अधिकतर डिपो पूरी तरह गैरकानूनी तरीके से चलाए जा रहे हैं।

रेट में तेजी, बालू से तेल का खेल

सूबे में बालू से तेल निकालने का खेल बदस्तूर जारी है। साधारण कीमतों पर बिकने वाला बालू 4 हजार से 7 हजार रुपये प्रति ट्रक बेचा जा रहा है। मामूली दर घाटों से उठाव किये जाने बालू के दर में वृद्धि के पीछे बालू माफिया, सरकारी बाबुओं तथा बिचौलियों का गठजोड़ कार्य कर रहा है। बालू की कीमतों में नियंत्रण, अवैध वसूली और चालान के नाम पर प्रतिमाह करोड़ों रुपये राजस्व का चूना लगाने का काम अधिकारियों के संरक्षण में हो रहा है।

तीन गुणा अधिक दर पर चालान

बालू का भंडारण करने वाले प्रति सीएफटी 4.53 रुपए के बजाय लगभग 12 रुपए प्रति सीएफटी की दर से यानी लगभग तीन गुणा अधिक का चालान काट रहे हैं। इसी अवैध वसूली और बिचौलियों की भूमिका से त्रस्त बालू ट्रक संचालक आठ दिनों से हड़ताल पर भी चले गए थे।

जिनका ठेका पट्टा खत्म, वो भी कर रहे दोहन

जेएसएमडीसी 632 बालू घाटों का संचालन शुरू कराने में भी विफल रहा है। जिन संवेदकों का ठेका पट्टा छह माह पहले समाप्त हो गया है, वो आज भी घाटों से बालू का उठाव कर रहे हैं। ट्रकों में परमिट शतरें के विपरित ओवर लोडिंग करने वाले ट्रकों से बालू घाटों के भंडारण संवेदक अवैध वसूली कर रहे हैं। चालान में संवेदक 200 सीएफटी की कीमत 906 रुपये काट रहा है, लेकिन ट्रकों से वसूली 24 सौ रुपये की हो रही है।

कहां से पूरी हो रही 8 गुणा अधिक डिमांड

बालू के अवैध भंडारण और नीलामी शतरें का उल्लंघन करने वाले संवेदकों पर नियंत्रण रखने के लिए विभाग की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। किसी प्रकार छापेमारी विभाग और जेएसएमडीसी की ओर से नहीं की जा रही है, जिससे बालू माफियाओं का मनोबल बढ़ता चला जा रहा है। राजस्व घोटाले के इस खेल में विभाग के अलावा जेएसएमडीसी और संवेदक की मिलीभगत की चर्चा जोरों पर है।

किसी भी तरह की बिल्डिंग मैटेरियल सड़क के किनारे नहीं रखी जा सकती। इसे निर्माण कार्य में लगाना हो या डंप करना, दोनों ही गलत है। पकड़े जाने पर फाइन लगेगा। साथ ही लीगल कार्रवाई भी की जाएगी।

मनोज कुमार, नगर आयुक्त