रांची (ब्यूरो)। डॉक्टरों के साथ दुव्र्यवहार पर कार्रवाई की मांग को लेकर आइएमए व झासा एक मार्च को सांकेतिक कार्य बहिष्कार करेगा। यह निर्णय रविवार को आइएमए भवन रांची में आइएमए व झासा की संयुक्त बैठक में सर्वसम्मति से लिया गया। तय हुआ कि मांगें नहीं माने जाने पर 1 मार्च को राज्य भर के सभी चिकित्सक, स्वास्थ्य विभाग से संबंधित सभी संगठन, चैंबर ऑफ कॉमर्स, केमिस्ट एंड ड्रग एसोसिएशन, सभी मेडिकल कॉलेजों के जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन एवं टीचर्स एसोसिएशन एक दिन का सांकेतिक कार्य बहिष्कार करेंगे।

इमरजेंसी सेवा जारी

इस दौरान इमरजेंसी सेवाएं सुचारू रूप से जारी रहेंगी। फिर भी अगर हमारी मांगे नहीं मानी जाती हैं तो मजबूरन संघ को अनिश्चितकालीन कार्य बहिष्कार की घोषणा करनी पड़ेगी, जिसकी सारी जिम्मेदारी सरकार और विभाग की होगी। बैठक में मुख्य रूप से राज्य सचिव आइएमए डॉ प्रदीप सिंह, अध्यक्ष झासा डॉ पीपी साहू, सचिव झासा मृत्यंजय सिंह मौजूद थे।

बैठक में उठे कई मुद्दे

सरकार में शामिल जनप्रतिनिधियों की जिम्मेवारी है कि सीमित संसाधनों एवं संख्या से कम ह्यूमन रिसोर्सेज के साथ काम कर रहे हेल्थ सेक्टर को समय-समय पर प्रोत्साहित करें। हजारीबाग डीडीसी द्वारा अपने कक्ष में बुलाकर मेडिकल कॉलेज के शिशु रोग विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर सह विभागाध्यक्ष के साथ दुव्र्यवहार। जामताड़ा विधायक द्वारा सिविल सर्जन को घसीट कर लाने की बात कहना दुर्भाग्यपूर्ण है। इसके अलावा संघ ने सीएम से आग्रह किया है कि विधानसभा सत्र के दौरान मुख्य मुद्दों मेडिकल प्रोटेक्शन एक्ट लागू करना एवं क्लिनिकल एस्टेब्लिशमेंट एक्ट में सुधार को पारित कराया जाए।