रांची (ब्यूरो) । आरकेडीएफ विश्वविद्यालय में स्किल लिंक, चेन्नई के सहयोग से मशीन लर्निंग एंड एप्लीकेशन अक्रॉस इंडस्ट्रीज विषय पर दो दिवसीय ऑनलाइन नेशनल वर्कशॉप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ एस चटर्जी द्वारा दीप जला करकिया गया। उन्होंने कहा कि उद्योग 4.0 में मानव जीवन के वर्तमान और भविष्य को बदलने की क्षमता मौजूद है। मशीने लर्निंग, इंटरनेट ऑफ थिंग्स, ब्लॉकचैन, कृत्रिम बौद्धिकता और बिग डाटा के उभरते क्षेत्र भारत को विकास की नई ऊंचाइयों पर ले जा सकते हैं तथा नागरिकों के जीवन को बेहतर बना सकते हैं।

स्वत: सुधार की गुंजाइश

डॉ अमित कुमार पांडेय, कुलसचिव ने कहा कि मशीन लर्निंग वास्तव में आर्टिफीशियल इंटेलिजेंस का एक एप्लीकेशन है, जो कृत्रिम बुद्धिमत्ता वाली मशीनों को ऐसी क्षमता प्रदान करता है, जिससे एक मशीन ने अपने भूतकाल में जो भी कार्य किए थे उनके अनुभव के अनुसार वह भविष्य में होने वाली चीजों को कर सकें तथा उनमें होने वाली गलतियों को खुद से सुधार सके।

प्रैक्टिकल एक्सपोजर भी दिया

वर्कशॉप के मुख्य वक्ता स्किल लिंक, चेन्नई से डाटा साइंटिस्ट डॉ सुदर्शन वी अयंगर और डॉ सौरभ रंजन थे, जिन्होंने मशीन लर्निंग की प्रमुख अवधारणाओं से छात्र छात्राओं को अवगत कराया। वर्कशॉप में छात्र छात्राओं को मशीन लर्निंग की प्रोग्रामिंग द्वारा प्रैक्टिकल एक्सपोजर भी दिया गया। इस कार्यक्रम में 100 से अधिक छात्र छात्राओं ने भाग लिया। मौके पर डॉ अनीता कुमारी, डॉ निरंजन मिश्रा, डॉ ललिता कुमारी, डॉ शीतल टोपनो, डॉ निभा पांडेय, प्रियंका पांडेय और सुप्रिया गोप आदि मौजूद थे।